हमें बुराई के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए। इस वाक्य में ‘खिलाफ’ शब्द का पद-परिचय इस प्रकार होगा :
हमें बुराई के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए।
खिलाफ़ शब्द का पद परिचय…
खिलाफ़ : भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक ।
पद-परिचय क्या है?
हिंदी व्याकरण में पद-परिचय पदों को एक व्याकरणिक परिचय देने की विधा है। हिंदी व्याकरण में कोई भी शब्द जब स्वतंत्र रूप में प्रयोग किया जाता है, तब वह शब्द ही रहता है। लेकिन यही शब्द जब वाक्य में प्रयोग किया जाता है, तो वह पद बन जाता है। यह पद व्याकरण के नियमों से बंध जाता है और उसका एक ‘पद-परिचय’ होता है। पद परिचय में देते समय लिंग, वचन, काल, कारक आदि महत्वपूर्ण कारक होते हैं। पद परिचय देते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान मे रखा जाता है…
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रिया-विशेषण
- क्रिया
- अव्यय
- समुच्चयबोधक
- संबंधबोधक
- विस्मयादिबोधक
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