आदि + अंत की संधि और संधि का नाम इस प्रकार होगा :
आदि + अंत : आद्यांत
संधि भेद : यण संधि
नियम
‘यण संधि’ के इस नियम के अनुसार जब ‘इ’ अथवा ‘ई’ उनके साथ किसी दूसरे विजातीय स्वर का मेल होता है तो वह ‘या’ बन जाता है। यहाँ पर आदि के ‘इ’ और अंत के ‘अ’ मिलकर ‘य’ वर्ण बना रहे हैं। इस कारण यहाँ ‘यण संधि’ है। ‘यण संधि’ स्वर संधि के 5 रूपों में से एक भेद है।
स्वर संधि के पाँच भेद होते हैं,
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- अयादि संधि
- यण संधि
संधि के तीन भेद होते हैं।
- स्वर संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि