‘सेवा’ शब्द का वाक्यों में इस प्रकार होगा…
1) निःस्वार्थ सेवा भाव ही कामयाबी का मूल मंत्र है।
2) जो अपने माँ–बाप की सेवा नहीं करते उनकी गति नहीं होती।
3) देश सेवा करना बड़ी जिम्मेदारी का काम होता है।
4) सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरू नानक देव जी के मूल सिद्धांत सेवा, विनम्रता और समानता है।
5) आज सम्पूर्ण विश्व में गौ सेवा का संकल्प दोहराया जा रहा है।
6) युग-युगांतर से प्रचलित वाणी सेवा परमो धर्म: को आत्मसात कर चरितार्थ करने वालों को ही भविष्य में महा मानव की उपाधि मिलती है।
7) सेवा भावना से ही एक सफल समाज की स्थापना हो सकती है।
8) जन्म देकर बच्चों का भविष्य बनाने के लिए कठिन रास्तों से गुजरने वाले माता-पिता की सेवा निस्वार्थ भाव से होनी चाहिए।
9) सेवा केवल मानव जाति की ही नहीं, बल्कि, संसार के सभी जीव-जंतुओं की सेवा आवश्यक है।
10) हम सभी को समाज की मजबूती का संकल्प लेना चाहिए और इसके लिए हमारे अंदर परोपकार एवं सेवा भाव होना जरूरी है।
11) माता-पिता के साथ-साथ परिजन एवं गुरूजन के सम्मान व सेवा के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी अपने अंदर सेवा भावना रखनी चाहिए ।