कवि का नूतन कविता से क्या अभिप्राय है? (क) नवीन प्रेरणा (ख) नवजीवन (ग) क, ख दोनों (घ) इनमें से कोई नहीं

सही विकल्प होगा—

(ख) नवजीवन

कवि का नूतन कविता से अभिप्राय नवजीवन के संचार से है, इसलिए सही विकल्प ‘नवजीवन’ होगा।

विस्तार से समझें…

नूतन कविता से कवि का अभिप्राय नवजीवन के संचार से है। कवि ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ अपनी ‘उत्साह’ कविता में नवजीवन के संचार की बात करते हैं।

बादल, गरजो! घेर घेर घोर गगन,
धाराधर ओ!
 ललित ललित,
काले घुँघराले,

बाल कल्पना।
के-से पाले,
 विद्युत छवि उर में,
कवि, नवजीवन वाले
 वज्र छिपा
नूतन कविता
 फिर भर दो- बादल गरजो!

भावार्थ : कवि बादलों का आह्वान कर रहे हैं और बादलों का आह्वान करते हुए कहते हैं कि बादलो तुम संपूर्ण आकाश में छा जाओ और अपनी वज्र के समान कठोर गर्जना से गरजते हुए बरस कर पूरे जनमानस में नई चेतना रूपी नवजीवन का संचार कर दो अर्थात एक नूतन कविता का निर्माण कर दो। इस तरह कवि ने नूतन कविता को नवजीवन के संचार के रूप में प्रयुक्त किया है।

टिप्पणी

‘उत्साह’ कविता कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा रचित कविता है, जिसमें उन्होंने बादलों का आह्वान करते हुए बादलों को क्रांति का दूत बताया है, जो जनमानस के जीवन में नवजीवन रूपी क्रांति लाने का कार्य करते हैं।


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