‘गीत-अगीत’ कविता में प्राकृतिक सौंदर्य व मानवीय प्रेम की अभिव्यक्ति किन भावों में की गई है? अपने शब्दों में लिखिए।

‘गीत-अगीत’ कविता कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित प्राकृतिक सौंदर्य के वर्णन और मानवीय भावों को व्यक्त करती हुई एक कविता है। ‘गीत-अगीत’ कविता में प्राकृतिक सौंदर्य और मानवीय प्रेम की अभिव्यक्ति अनेक भावों के माध्यम से की गई है। इन भागों को व्यक्त करने के लिए कवि ने प्राकृतिक तत्वों जीव-जंतुओं मानवीय राग आदि का सहारा दिया है। कविता में दुख रूपी मानवीय भाव को अभिव्यक्त करने के लिए बहती हुई नदी और गुलाब का सहारा लेकर भावों को अभिव्यक्त किया गया है। कवि ने तोता और मैंना के प्रेम के माध्यम से प्रेम भाव को अभिव्यक्त किया है। तोता पेड़ की घनी डाली पर बैठता है, इस डाली पर बैठा है, जो उसके घोंसला को छाया देता है। इस प्रकार प्रकृति के उन तत्वों और प्राकृतिक सौंदर्य को अभिव्यक्त करने के लिए कवि ने नदी, पहाड़, धरती, पेड़-पौधे, फूल-मौसम आदि सभी का सहारा देकर प्राकृतिक सौंदर्य एवं मानवीय भावो की सुंदर अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है।


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