परंपरागत खाद्य पदार्थों को छोड़कर ‘फास्ट फूड’ संस्कृति के पीछे भागती नई पीढी़ को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। क्या आप इससे सहमत हैं? अपने विचार लिखें।

विचार/अभिमत

‘फास्ट फूड’ संस्कृति के पीछे भागती पीढ़ी और हमारा स्वास्थ्य पर विचार

 

परंपरागत खाद्य पदार्थों को छोड़कर नई पीढ़ी फास्ट फूड संस्कृति के पीछे भाग रही है, यह प्रवृत्ति उनके लिए परेशानियां ही पैदा कर रही है। हम इस बात से पूरी तरह सहमत हैं। फास्ट फूड के रूप में जो भी खाद्य पदार्थ अपनाए जाते हैं, वह पौष्टिक रूप से स्वास्थ्य वर्धक नहीं होते। लंबे समय तक फास्ट फूड का सेवन करने से उसके दुष्परिणाम सामने आने लगते हैं।

फास्ट फूड खाने में भले ही स्वादिष्ट लगता हो, लेकिन यह पौष्टिक नहीं होता। थोड़ी देर के जीभ का स्वाद की कीमत अपनी खराब सेहत के रूप में चुकानी पड़ती है, यह बात नई पीढ़ी नहीं समझती। उसे केवल अपनी जीभ का स्वाद चाहिए। उसे यह नहीं देखना कि उसकी सेहत के लिए यह फास्ट फूड अच्छा है या नहीं। हमारे जो भी परंपरागत खाद्य पदार्थ रहे हैं वह एक लंबी प्रक्रिया द्वारा विकसित हुए हैं। हमारे परंपरागत खाद्य पदार्थ अपने क्षेत्र के भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार विकसित हुए हैं। इनमें हमारे पूर्वजों का अनुभव छुपा हुआ है। हमारे परंपरागत खाद पदार्थ शुद्ध सात्विक और प्राकृतिक खाद्य शैली पर आधारित है, जिस कारण वह हमारे शरीर के लिए पोषण की दृष्टि से बेहद उपयोगी होते हैं।

हमारे परंपरागत खाद पदार्थ प्रकृति से जुड़े रहे हैं और प्राकृतिक रूप से पकाए जाते हैं। फास्ट फूड ना तो प्राकृतिक रूप से विकसित हैं और वह ना ही प्राकृतिक रूप से पकाए जाते हैं। फास्ट फूड अत्याधिक तेल मसाले तथा तेज आँच पर पकाए जाते हैं। जिस कारण उनके पौष्टिक तत्व लगभग नष्ट हो जाते हैं।

फास्ट फूड में जो भी सामग्री प्रयोग में लाई जाती है, वह भी जंक फूड होती है। इसमें पोषण नाममात्र का होता है, इसी कारण ही फास्ट फूड का सेवन करना हमारी सेहत के लिए नुकसान पहुंचाता है। कभी-कभार फास्ट फूड का सेवन कर लिया जाए, वह बात ठीक है लेकिन इसे अपनी नियमित खाद्य बनाना अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करना है। यह बात समझ नई पीढ़ी की मसझ में आनी चाहिए। आज के समय में उत्पन्न हो रही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं इसी फास्ट फूड संस्कृति की देन हैं। इसलिए अगर नई पीढ़ी को स्वास्थ्य की दृष्टि से पूरी तरह स्वस्थ रहना है तो उसे फास्ट फूड़ संस्कृति से बचना होगा।


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