‘पतंग’ कविता इनमें से किसके लिए प्रसिद्ध है (अ) प्रतीकों के लिए (स) बिम्ब विधान के लिए (ब) चित्र विधान के (द) व्यंग्यार्थ के

सही विकल्प होगा :
(स) बिम्ब विधान के लिए

विस्तार से समझें…

‘पतंग’ कविता अपने बिंब विधान के लिए प्रसिद्ध है। इसमें बिंबों के सहारे बाल मनोविज्ञान को प्रस्तुत किया गया है। ‘पतंग’ कविता ‘आलोक धन्वा’ द्वारा रचित बाल मनोविज्ञान पर आधारित एक कविता है। इस कविता के माध्यम से कवि ने बिंबों का प्रयोग करके बाल सुलभ इच्छाओं और आकांक्षाओं  तथा उनकी उमंगों का बेहद सुंदर चित्रण किया है।

बालमन तथा प्रकृति में होने वाले परिवर्तनों के बीच संबंध को व्यक्त करने के लिए कवि ने अनेक बिंबों का सहारा लिया है। इस कविता के माध्यम से कवि का कहने का भाव यह है कि बच्चों का एक अपना अलग रंग बिरंगा सपनों का संसार होता है, जिसमें वह निरंतर विचरण करते रहते हैं। बाहरी जगत की गतिविधियों से उन्हें कोई लेना देना नहीं होता। उनका संसार एक अनोखा रंग बिरंगा सुखद संसार होता है, जहाँ पर रंग-बिरंगी तितलियों की दुनिया है।

शरद ऋतु का सुखद एहसास है। पतंग उड़ाते समय छत के किनारों से गिरने का डर है और उस डर पर विजय पाने का अनुभव भी है। गिरकर संभलने का अनुभव है। इस तरह पतंग कविता के माध्यम से कवि ने प्रकृति के बिंबों को माध्यम बनाकर बाल सुलभ आकांक्षाओं का अत्यंत सुंदर चित्रण किया है।

संदर्भ पाठ
कविता – पतंग, कवि – आलोक धन्वा, (कक्षा-12 हिंदी)


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