अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भारत के 6 मूल अधिकारों में से एक अधिकार है। यह भारत के संविधान में सभी नागरिकों को भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देने की बात सुनिश्चित करता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भारत के संविधान में अनुच्छेद 19(1)A में उल्लेखित है। इस अधिकार के अंतर्गत भारत के सभी नागरिकों को अपने विचार और राय स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करने का पूर्ण अधिकार है।
अपने विचार और राय स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने से तात्पर्य केवल बोलने से ही नहीं बल्कि अपने लेखन कार्य द्वारा, किसी फिल्म द्वारा, किसी चित्र द्वारा, किसी बैनर द्वारा, किसी नाटक द्वारा अथवा किसी भाषण के द्वारा भारत का कोई भी नागरिक स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त कर सकता है।
इस अधिकार के अंतर्गत किसी भी नागरिक पर उसके विचारों को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करने के लिए अंकुश नहीं लगाया जा सकता। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार मीडिया संस्थानों विशेषकर समाचार पत्र-पत्रिकाओं, टीवी चैनल, विज्ञापन जगत, रंगमंच, फिल्म आदि में बहुत महत्व है, क्योंकि इस अधिकार के अंतर्गत वह स्वतंत्र रूप से अपने विचारों को अभिव्यक्त कर सकते हैं। यह किसी भी लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।
Other questions
लोकतंत्र का अभिजनवादी सिद्धांत यानि विशिष्ट वर्गीय सिद्धांत के बारे में बताएं।
‘भूख से मरने वाले व्यक्ति के लिए लोकतंत्र का कोई अर्थ और महत्व नही’, ये किसने कहा था?