गांधी के आर्थिक विचारों के संदर्भ में कौन सा एक सही नहीं है? (1) वर्ग सहयोग की धारणा (2) कुटीर उद्योगों को महत्ता (3) न्यासधारिता को महत्ता (4) औद्योगीकरण को महत्व देना

सही उत्तर होगा…

(4) औद्योगीकरण को महत्व देना

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व्याख्या

गांधी के आर्थिक विचारों के संदर्भ में, ‘औद्योगीकरण को महत्व देना’ सही नहीं है।

महात्मा गांधी के आर्थिक दर्शन में बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के लिए कोई स्थान नहीं था। उनका मानना था कि बड़े उद्योग समाज में आर्थिक असमानता और शोषण को बढ़ावा देते हैं। इसके बजाय, वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कुटीर उद्योगों के समर्थक थे। गांधीजी का विश्वास था कि छोटे पैमाने के उद्योग और हस्तशिल्प न केवल रोजगार प्रदान करेंगे, बल्कि लोगों को आत्मनिर्भर भी बनाएंगे। उन्होंने चरखा और खादी को स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक बनाया, जो बड़े पैमाने के औद्योगीकरण के विरोध में था। गांधीजी का लक्ष्य एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करना था जो स्थानीय संसाधनों और कौशल पर आधारित हो, न कि बड़े कारखानों और मशीनों पर। इसलिए, उनके आर्थिक विचारों में औद्योगीकरण को महत्व देना शामिल नहीं था, बल्कि वे इसके विपरीत थे।


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