सही उत्तर है..
(3) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
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व्याख्या
1. कथन (A) सही है : बाल गंगाधर तिलक के राष्ट्रवाद में पुनरुत्थानवादी तत्व थे। वे भारतीय संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों के पुनरुत्थान पर जोर देते थे।
2. कारण (R) भी सही है : तिलक का मानना था कि भारतीय समाज को अपनी संस्थाओं और परंपराओं को बनाए रखना चाहिए, न कि उन्हें पश्चिमी या ब्रिटिश मॉडल के अनुसार बदलना चाहिए।
3. कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या प्रदान करता है : तिलक के राष्ट्रवाद का पुनरुत्थानवादी पहलू उनकी इस इच्छा से स्पष्ट होता है कि वे भारतीय संस्थाओं को ब्रिटिश सांचे में नहीं ढालना चाहते थे। यह दृष्टिकोण उनके राष्ट्रवाद के मूल में था, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं के पुनरुत्थान पर केंद्रित था।
तिलक का यह दृष्टिकोण उनके ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ के विचार के साथ संरेखित था, जिसमें न केवल राजनीतिक स्वतंत्रता बल्कि सांस्कृतिक स्वायत्तता भी शामिल थी। वे भारतीय समाज के आधुनिकीकरण के विरोधी नहीं थे, लेकिन चाहते थे कि यह भारतीय मूल्यों और परंपराओं के आधार पर हो, न कि पश्चिमी मॉडल की नकल करके।
इस प्रकार, कथन और कारण दोनों सही हैं, और कारण कथन की सटीक व्याख्या प्रदान करता है।