सही उत्तर है…
(3) दीन दयाल उपाध्याय ने
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व्याख्या
‘एकात्म मानववाद’ नामक पुस्तक दीन दयाल उपाध्याय द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक और उसके महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी निम्नलिखित है:
दीन दयाल उपाध्याय ने ‘एकात्म मानववाद’ की अवधारणा को विकसित किया और इस नाम से एक पुस्तक लिखी। यह पुस्तक उनके राजनीतिक और सामाजिक दर्शन का मूल आधार है। ‘एकात्म मानववाद’ एक ऐसा दर्शन है जो व्यक्ति, समाज, प्रकृति और परमात्मा की एकता पर जोर देता है।
इस पुस्तक में उपाध्याय जी ने भारतीय संदर्भ में एक स्वदेशी विकास मॉडल प्रस्तुत किया है। उन्होंने तर्क दिया कि भारत के लिए विकास का मार्ग न तो पूंजीवाद है और न ही समाजवाद, बल्कि भारतीय संस्कृति और मूल्यों पर आधारित एक तीसरा मार्ग होना चाहिए।
‘एकात्म मानववाद’ की मुख्य विशेषताएं हैं:
1. व्यक्ति और समाज के बीच संतुलन
2. आर्थिक विकास के साथ-साथ नैतिक और आध्यात्मिक विकास पर जोर
3. प्रकृति के साथ सामंजस्य
4. स्वदेशी तकनीक और ज्ञान प्रणालियों का महत्व
यह पुस्तक भारतीय राजनीतिक चिंतन में एक महत्वपूर्ण योगदान मानी जाती है और आज भी कई राजनीतिक और सामाजिक विचारधाराओं को प्रभावित करती है, विशेष रूप से भारतीय राष्ट्रवादी विचारधारा में।