इस प्रश्न का सही उत्तर है, विकल्प…
(4) समाज के सभी वर्गों का कल्याण है।
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व्याख्या :
गांधीजी की सर्वोदय की अवधारणा समाज के सभी वर्गों के कल्याण संबंधित है।
सर्वोदय शब्द का अर्थ है ‘सबका उदय’ या ‘सबका उत्थान’। यह अवधारणा गांधीजी के दर्शन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जो समाज के सभी वर्गों के समग्र कल्याण पर केंद्रित थी। गांधीजी का मानना था कि एक स्वस्थ और न्यायसंगत समाज तभी बन सकता है जब उसके सभी सदस्यों का विकास हो, न कि केवल कुछ वर्गों या बहुसंख्यक का। यह दृष्टिकोण समाज के सबसे कमजोर और वंचित वर्गों के उत्थान पर विशेष ध्यान देता था, यह मानते हुए कि जब तक समाज का अंतिम व्यक्ति भी समृद्ध और सशक्त नहीं हो जाता, तब तक वास्तविक विकास नहीं हुआ है।
सर्वोदय की यह अवधारणा केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें सामाजिक, नैतिक और आध्यात्मिक उन्नति भी शामिल थी। गांधीजी का मानना था कि समाज के सभी वर्गों का संतुलित और समग्र विकास ही एक स्थायी और शांतिपूर्ण समाज की नींव हो सकता है। यह दृष्टिकोण वर्गहीन और शोषणमुक्त समाज की स्थापना का लक्ष्य रखता था, जहां प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा और अधिकारों का सम्मान हो।