निबंध
मेरा प्रिय देश भारत
हर व्यक्ति के लिए उसका देश ही उसका प्रिय देश होता है, ठीक उसी प्रकार से भारत मेरा प्रिय देश है । आइए आज हम मेरा प्रिय देश भारत के बारे में विस्तार से जानेगे ।
प्रस्तावना
भारत एक ऐसा देश है जहाँ लोग अलग-अलग भाषा बोलते हैं और विभिन्न जाति, धर्म, संप्रदाय और संस्कृति के लोग एक साथ रहते हैं। इसी वजह से भारत में “विविधता में एकता” का ये आम कथन प्रसिद्ध है। प्राचीन समय से ही यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग जैसे हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, जैन और यहूदी एक साथ रहते हैं। यह देश अपने कृषि और खेती के लिये प्रसिद्ध है जो प्राचीन समय से ही इसका आधार रही है । भारत के राष्ट्रीय प्रतीक और उनसे जुड़ा इतिहास
भारत का राष्ट्रीय ध्वज – तिरंगा
22 जुलाई, 1947 को भारतीय संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को अपनाया था। तिरंगे में समान अनुपात में केसरिया, सफेद तथा हरे रंग की क्षैतिज पट्टियाँ होती हैं इसलिए भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहा जाता है । ध्वज की चौड़ाई और लम्बाई का अनुपात क्रमशः 2:3 होता है। इसमें सफेद रंग की पट्टी के बीचों-बीच गहरे नीले रंग का चक्र बना होता है जिसमें 24 तीलियाँ बनी होती हैं। क्या आप जानते हैं कि यह चक्र सारनाथ में स्थित अशोक स्तम्भ से लिया गया है। तिरंगे में केसरिया रंग त्याग और बलिदान का, सफेद रंग सत्य, शांति और पवित्रता का और हर रंग देश की सम्रद्धि का प्रतीक होता है।
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह – अशोक स्तम्भ
अशोक स्तंभ भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक द्वारा सारनाथ में बनवाए गए स्तम्भ से लिया गया है। 26 जनवरी 1950 में इसे अंगीकृत किया गया था जब भारत गणराज्य बना । अशोक के स्तंभ शिखर पर देवनागरी लिपी में “सत्यमेव जयते” लिखा है (सच्चाई एकमात्र जीत) जो मुनडका उपनिषद (पवित्र हिन्दू वेद का भाग) से लिया गया है। इस स्तंभ के शिखर पर चार शेर खड़े है जिनका पिछला हिस्सा खंभों से जुड़ा हुआ है । संरचना के सामने इसमें धर्म चक्र (कानून का पहिया) भी है। भारत का प्रतीक शक्ति, हिम्मत, गर्व, और विश्वास को प्रदर्शित करता है। पहिए के हर एक तरफ पर एक अश्व और बैल बने हुए हैं। इसके उपयोग को नियंत्रित और प्रतिबंधित करने का कार्य राज्य प्रतीक की भारतीय धारा, 2005 के तहत किया जाता है।
भारत का राष्ट्रीय गान – जन गण मन
24 जनवरी 1950 में संवैधानिक सभा द्वारा भारत के राष्ट्र गान ‘जनगणमन’ को आधिकारिक रुप से अंगीकृत किया गया था । रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा ये गान लिखा गया था । इसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के कलकत्ता सत्र में गाया गया था । सम्पूर्ण गीत या गान को गाने में लगभग 52 सेकंड का समय लगता है हालाँकि इसका लघु संस्करण (पहली और अंतिम पंक्ति) को पूरा करने में केवल 20 सेकंड का समय लगता है ।
भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार – भारत रत्न
ये भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार और सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। भारत रत्न असाधारण कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है। इनमें विज्ञान, कला, साहित्य, खेल और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र सम्मिलित होते हैं। इस पुरस्कार की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी। जो इस पुरस्कार को प्राप्त करता है उसको मैडल दिया जाता है ।
भारत का राष्ट्र गीत – वन्दे मातरम्
1950 में वास्तविक वन्दे मातरम् के शुरुआत के दो छंद को आधिकारिक रुप से भारत के राष्ट्रगीत के रुप में अंगीकृत किया गया था। वास्तविक वन्दे मातरम् में छ: छंद है। इसको बंकिमचन्द्र चैटर्जी द्वारा बंगाली और संस्कृत में 1882 में उनके अपने उपन्यास आनन्दमठ् में लिखा गया था। इस गीत को उन्होंने चिनसुरा में लिखा था । इसे पहली बार सन 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिक संदर्भ में रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा गाया गया था ।
भारत का राष्ट्रीय पशु – बाघ
भारत के राष्ट्रीय पशु के रुप में बाघ या रॉयल बंगाल टाइगर को अप्रैल 1973 में घोषित किया गया था । इसके शरीर पर चमकदार पीली पट्टी होती है । यह बड़े आराम से वायुशिफ के जंगलों में दौड़ सकता है और अत्यंत शक्तिशाली, मज़बूती और भारत के गर्व का प्रतीक है । बाघों की अधिकतम उम्र लगभग 20 साल होती है । तेज फुर्ती और शक्ति के कारण बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु माना गया है । इसका जन्तु वैज्ञानिक नाम पैन्थरा टाईग्रिस ।
भारत का राष्ट्रीय फूल – कमल
कमल का वैज्ञानिक नाम नील्यूम्बो न्यूसीफेरा है । इसे भारत के राष्ट्रीय फूल के रुप में अंगीकृत किया गया है |यह फूल भारत के पारंपरिक मूल्यों और सांस्कृतिक गर्व को प्रदर्शित करता है । यह उर्वरता, ज्ञान, समृद्धि, सम्मान, लंबी आयु, अच्छी किस्मत, दिल और दिमाग की सुंदरता को भी दिखाता है । इसका प्रयोग देश भर में धार्मिक अनुष्ठानों आदि के लिये भी किया जाता है ।
भारत का राष्ट्रीय फल – आम
आम का वैज्ञानिक नाम मैनजीफेरा इंडिका है । इसको सभी फलों में राजा का दर्जा प्राप्त है और यह भारत के राष्ट्रीय फल के रुप में अंगीकृत किया गया है ।
भारत का राष्ट्रीय पक्षी – मोर
भारतीय मोर को भारत के राष्ट्रीय पक्षी के तौर पर अंगीकृत किया गया है । यह पक्षी एकता के सजीव रंगों और भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करता है । ये सुन्दरता, गर्व और पवित्रता को भी दिखाता है । भारतीय वन्यजीव (सुरक्षा) की धारा 1972 के तहत संसदीय आदेश पर सुरक्षा प्रदान की गयी है ।
भारत का राष्ट्रीय खेल – हॉकी
हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल तब से माना जाता है जब से भारत ने ओलिंपिक में हॉकी के खेल में लगातार 6 स्वर्ण पदक जीते थे ।
भारत का राष्ट्रीय जलचर – डॉलफिन
गंगा की डॉलफिन को राष्ट्रीय जलचर पशु के रुप में अंगीकृत किया गया है । ये पावन गंगा की शुद्धता को प्रदर्शित करती है क्योंकि ये केवल साफ और शुद्ध पानी में ही जिंदा रह सकती है । इन्हें दुनिया के सबसे पुराने जीवों में से एक माना जाता है । इनको सुरक्षित करने के लिए अभयारण्य क्षेत्रों संरक्षण कार्य शुरु हो चुका है ।
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष – वट वृक्ष या बरगद का पेड़
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद का पेड़ को माना गया है । यह एकता और दृढ़ता का प्रतीक है । जिस प्रकार भारत के विभिन्न धर्म व जाति के लोग एक साथ निवास करते हैं उसी प्रकार बरगद के पेड़ की शाखाओं पर छोटे या बड़े जन्तु निवास करते हैं । इस वृक्ष का हिन्दू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व है और इसमें कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं ।
भारत की राष्ट्रीय मुद्रा – रुपया
आधिकारिक रुप से भारत के गणराज्य की करेंसी भारतीय रुपया (ISO code: INR) है । इसके संबंधित मुद्दों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नियंत्रित करता है । भारतीय रुपये को “र” देवनागरी व्यंजन और लेटिन अक्षर “R” से चिन्हित किया गया है । 15 जुलाई 2010 में भारत सरकार द्वारा इसको जारी किया गया था । 8 जुलाई 2011 को रुपये के चिन्हों के साथ भारत में सिक्कों की शुरुआत हुई थी।
भारत की राष्ट्रीय नदी – गंगा
गंगा नदी भारत की सबसे लम्बी और पवित्र नदी है जो कि 2510 कि.मी. के पहाड़ी, घाटी और मैदानी इलाकों तक फैली हुई है । प्राचीन समय से ही हिन्दुओं के लिये गंगा नदी का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व रहा है । इसके पवित्र जल को कई अवसरों पर इस्तेमाल किया जाता है । गंगा की उत्पत्ति, हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियर के हिमक्षेत्र में भगीरथी नदी के रुप में हुई है ।
भारत के राष्ट्रपिता – महात्मा गांधी
महात्मा गांधी को भारत का राष्ट्रपिता माना जाता है । सबसे पहले 6 जुलाई 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर रडियो स्टेशन से सन्देश प्रसारित करते हुए महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था । 30 जनवरी 1948 को गांधी जी की हत्या के बाद, देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने रेडियो पर भारत के लोगों से कहा कि राष्ट्रपिता अब नहीं रहे तभी से महात्मा गाँधी को भारत का राष्ट्रपिता कहा जाता है ।
भारत का राष्ट्रीय दिवस – स्वतंत्रता दिवस, गाँधी जयंती और गणतंत्र दिवस
भारत के राष्ट्रीय दिवस के रुप में स्वतंत्रता दिवस, गाँधी जयंती और गणतंत्र दिवस को घोषित किया गया है । 15 अगस्त को हर साल स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1947 में भारतीयों को ब्रिटीश शासन से आजादी मिली थी और 26 जनवरी 1950 को भारत को अपना संविधान प्राप्त हुआ था इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है । हर साल 2 अक्तूबर को गाँधी जयंती मनायी जाती है क्योंकि इसी दिन गाँधी का जन्म हुआ था ।
भारत की राष्ट्रीय लिपि या आधिकारिक लिपि – देवनागरी
अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी गई हिन्दी को आधिकारिक भाषा कहा गया है ।
भारत की राजभाषा – हिन्दी
हम आपको बता दें कि भारत की कोई भी राष्ट्रीय भाषा नहीं है । हिन्दी एक राजभाषा है यानी जो भाषा राजकाज अर्थात सरकारी कार्य के लिए उपयोग की जाती है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत हिन्दी भारत की राजभाषा है। राष्ट्रभाषा का भारतीय संविधान में कोई उल्लेख नहीं है । हालांकि 22 भाषाओं को आधिकारिक दर्जा दिया गया है।
राष्ट्रीय कैलेंडर – शक कैलेंडर
राष्ट्रीय कैलेंडर का दर्जा शक कैलेंडर को प्राप्त है। 1957 में इसे कैलेंडर कमिटी द्वारा बनाया गया था, जिसे भारतीय पंचाग की मदद से तैयार किया गया है । इसमें हिन्दू धार्मिक कैलेंडर के अलावा खगोल डाटा, समय भी लिखित है।
राष्ट्रीय शपथ
राष्ट्रीय शपथ को तेलगु में प्यिदीमर्री वेंकट सुब्बाराव द्वारा 1962 में लिखा गया था। इसे 26 जनवरी 1965 से सभी स्कूलों में निर्धारित रूप से गाये जाने का प्रावधान बनाया गया है।
विविधता में एकता
समाज के लगभग सभी पहलुओं में पूरे देश में मजबूती और संपन्नता का साधन बनता है। अपनी रीति- रिवाज़ और विश्वास का अनुसरण करने के द्वारा सभी धर्मों के लोग अलग तरीकों से पूजा-पाठ करते हैं। ये बुनियादी एकरुपता के अस्तित्व को प्रदर्शित करता है। “विविधता में एकता” विभिन्न असमानताओं की अपनी सोच से परे लोगों के बीच भाईचारे और समरसता की भावना को बढ़ावा देता है।
भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है जो कि विभिन्न धर्मों के लोगों के कारण है । अपने हित और विश्वास के आधार पर विभिन्न जीवन-शैली को अलग-अलग संस्कृति के लोग बढ़ावा देते हैं । यह दुबारा से विभिन्न पेशेवर क्षेत्रों में जैसे संगीत, कला, नाटक, नृत्य (शास्त्रिय, फोक आदि), नाट्यशाला, मूर्तिकला आदि में वृद्धि को बढ़ावा देते हैं । लोगों की आध्यात्मिक परंपरा उन्हें एक-दूसरे के लिये अधिक धर्मनिष्ठ बनाती है ।
सभी भारतीय धार्मिक लेख लोगों की आध्यात्मिक समझ का महान साधन है । लगभग सभी धर्मों में ऋषि, महर्षि, योगी, पुजारी, फादर आदि होते हैं जो अपने धर्मग्रंथों के अनुसार अपनी आध्यात्मिक परंपरा का अनुसरण करते हैं । भारत में हिन्दी मातृ-भाषा है, हालाँकि अलग-अलग धर्म और क्षेत्र (जैसे इंग्लिश, ऊर्दू, संस्कृत, पंजाबी, बंगाली, उड़िया आदि) के लोगों के द्वारा कई दूसरी बोली और भाषाएँ बोली जाती है । हालाँकि सभी महान भारत के नागरिक होने पर गर्व महसूस करते हैं।
भारत को एक स्वतंत्र देश बनाने के लिये भारत के सभी धर्मों के लोगों के द्वारा चलाए गए स्वतंत्रता आंदोलन को हम कभी नहीं भूल सकते है । भारत में “विविधता में एकता” का स्वतंत्रता के लिये संघर्ष बेहतरीन उदाहरण है । भारत में “विविधता में एकता” सभी को एक कड़ा संदेश देता है कि बिना एकता के कुछ भी नहीं है । प्यार और समरसता के साथ रहना जीवन के वास्तविक सार को उपलब्ध कराता है ।
भारत की “विविधता में एकता” खास है जिसके लिए ये पूरे विश्व में प्रसिद्ध है | ये भारत में बड़े स्तर पर पर्यटन को आकर्षित करता है । एक भारतीय होने के नाते, हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और किसी भी कीमत पर इसकी अनोखी विशेषता को कायम रखने की कोशिश करनी है । यहाँ “विविधता में एकता” वास्तविक खुशहाली होने के साथ ही वर्तमान तथा भविष्य की प्रगति के लिए रास्ता है ।
उपसंहार
इस देश पर मुझे और सभी देशवासी को नाज़ है। हम अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं और कई देवी – देवताओं की पूजा करते हैं। फिर भी हम सभी भारतीयों की संभावनाएं वही है। इतनी सादगी और अपनापन इस देश से बेहतर हमें और कहीं नहीं मिलेगा। इन विविधताओं के बावजूद हम सब एक है। ठीक उसी प्रकार जैसे एक फूलों की माला में, कई प्रकार के फूल होते है, सब के अपने रंग और विशेष सुगंध है लेकिन एक साथ एकाकृत है । विविधता में, हमारे देश की महान एकता बसी हुई है। मेरा प्रिय देश भारत यह वह देश है जो अपनी विविधता, मजबूत एकता, और शांति के लिए विश्वभर में मशहूर है । सभी देशवासियों में देशप्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी है और हमे फख्र है अपने हिन्दुस्तान पर।
मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व है । जय हिन्द !
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