चीन और अमेरिका को संसार में प्रदूषण का सबसे बड़ा खिलाड़ी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि चीन और अमेरिका पूरे संसार में ग्रीन हाउस गैसों के सबसे बड़े उत्सर्जक हैं। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के मामले में चीन संसार में पहले स्थान पर है, जबकि अमेरिका दूसरे स्थान पर है। इसी कारण चीन और अमेरिका को प्रदूषण का सबसे बड़ा खिलाड़ी कहा जाता है। ग्रीनहाउस गैस से वह गैसे होती है जो संसार में प्रदूषण का कारण बनती है। यह गैसें वातावरण में गर्मी पैदा करने के लिए जिम्मेदार होती हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग के खतरे बढ़ते हैं।
निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर करें तो हम पाएंगे कि चीन और अमेरिका संसार में प्रदूषण के सबसे बड़े खिलाड़ी हैं।
- चीन की जनसंख्या संसार में सबसे बड़ी जनसंख्या है। इसका सीधा तात्पर्य यह है कि वहाँ अधिक लोग गैसों का उत्सर्जन कर रहे हैं। चीन में बढ़ती हुई विकास की गतिविधियां वहाँ के लोगों की जीवनशैली को अधिक विलासिता पूर्ण बना रही है। इस कारण भी वहाँ पर अधिक गैसों का उत्सर्जन हो रहा है। अमेरिका सम्पन्न देश है। वहाँ सबसे अधिक भौतिक संसाधनों का प्रयोग किया जाता है जो ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन का कारण बनते हैं।
- चीन और अमेरिका दोनों संसार की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। दोनों देशों में बड़े स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र हैं जो ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन का कारण बन रहे हैं।
- चीन और अमेरिका पूरे संसार में सबसे अधिक ऊर्जा का उपयोग करते हैं। सबसे जीवाश्म ईधन का भी प्रयोग करते हैं जो प्रदूषण का कारण है।
- चीन और अमेरिका की जीवन शैली विलासित पूर्ण है, जहां पर अधिक से अधिक संसाधनों का दोहन किया जा रहा है और दोनों देशों की आबादी सबसे अधिक प्रदूषण भी उत्पन्न कर रही है।
इन बिंदुओं पर गौर करने के बाद हम पाएंगे कि चीन और अमेरिका संसार में प्रदूषण के सबसे बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं। दोनों देशों ने अपने यहाँ ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए 2030 से 2060 तक का लक्ष्य रखा है, लेकिन ये एक लंबी प्रक्रिया है। इसलिए कहा जाता है कि चीन और अमेरिका संसार में लंबे समय प्रदूषण के बड़े खिलाड़ी बने रहेंगे।
Other questions
बढ़ते हुए प्रदूषण पर क्या सावधानी की जाए। इस विषय पर माँ और बेटे के जो चर्चा हुई, उस पर संवाद लिखिए।
प्रदूषण की समस्या को लेकर दो मित्रों के बीच में हुई बातचीत को संवाद के रूप में लिखें।