‘बात अठन्नी की’ कहानी में रसीला और रमज़ान की दोस्ती सच्ची थी ये इस बात से स्पष्ट हो जाता है कि जब रसीला को अपने गाँव में अपने घर कुछ पैसों भेजने की जरूरत पड़ी तो उसने जब अपने मालिक से कुछ पैसे एडवांस मांगे। लेकिन रसीला के मालिक जगत सिंह ने मना कर दिया। ऐसी स्थिति में रमजान, जो कि उसका मित्र था, उसने रसीला को वह पैसे देकर उसकी मदद की ताकि वह अपने घर पर जरूरी काम हेतु वह पैसे भेज सकें। इस तरह एक सच्चे दोस्त का कर्तव्य निभाते हुए रमजान ने रसीला की मदद कर अपनी सच्ची दोस्ती का सबूत दिया।
एक सच्चा दोस्त ही मुसीबत के समय काम आता है, और रमजान रसीला के काम आया। जब रसीला के मालिक जगत सिंह ने मात्र अठन्नी के हेर-फेर के कारण रसीला को जेल भिजवा दिया, तब रमजान ही था, जिसने इस बात पर अपना दुख एवं विरोध प्रकट किया था। यह बात अलग है वह भी रसीला की तरह एक साधारण चौकीदार ही था। इस कारण वह कुछ कर नहीं सकता था। लेकिन उसने अपने दोस्त के प्रति सहानुभूति और दुख प्रकट कर अपनी सच्ची दोस्ती का सबूत दे दिया था। इन बातों से स्पष्ट होता है कि रसीला एवं रमजान की दोस्ती सच्ची दोस्ती थी।
संदर्भ पाठ
‘बात अठन्नी की’, लेखक – सुदर्शन, कक्षा-10 हिंदी
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