‘चेतक’ कविता का मूल भाव समझिये​।

चेतक कविता कवि श्याम नारायण पांडे द्वारा रचित कविता है, जो महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की वीरता के वर्णन पर आधारित कविता है। इस कविता का मूल भाव यह है कि कवि ने इस कविता के माध्यम से चेतक नाम के वीर घोड़े की स्वामिभक्ति और उसकी वीरता का वर्णन किया है।

सिसोदिया वंश के महान राजा महाराणा प्रताप के पास चेतक नाम का बेहद वीर, कुशल, चपल, बलशाली और स्वामिभक्त घोड़ा था। यह घोड़ा पल भर में ही तेज गति से दौड़ने लगता था। उसकी वीरता को देखकर ऐसा लगता था कि वह घोड़ा नहीं बल्कि आज हवा का झोंका, कोई तूफान हो।

चेतक घोड़े ने अपने स्वामी महाराणा प्रताप के साथ अनेक बार अनेक युद्धों में भाग लिया और महाराणा प्रताप को हर तरह के संकट से बचाया। महाराणा प्रताप पराक्रम में चेतक घोड़े का भी बहुमूल्य योगदान था। कवि ने इस कविता के माध्यम से घोड़े के इन्हीं सभी गुणों का वर्णन किया है। यह कविता चेतक की वीरता को दर्शाती हुई कविता है।

 


Other questions

‘हिंसा परमो धर्मः’ कहानी के मूल भाव को अपने शब्दों में लिखो। (हिंसा परमो धर्मः – मुंशी प्रेमचंद)

‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।

Chapter & Author Related Questions

Subject Related Questions

Recent Questions

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here