विचार लेखन
संघर्ष में ही जीवन है
संघर्ष में ही जीवन है, इस बात में पूरी सच्चाई है। जीवन और संघर्ष दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। जब जीवन है, तो जीवन में संघर्ष अवश्य होगा और संघर्ष करके ही सफलता प्राप्त होती है। बिना संघर्ष के जीवन का कोई आनंद नहीं और ना ही कोई अर्थ है। जब संघर्ष करके सफलता प्राप्त होती है तो उस सफलता का आनंद कुछ अलग ही होता है। हर किसी के जीवन में कुछ ना कुछ संघर्ष अवश्य होता है। बिना संघर्ष किया कुछ भी प्राप्त नहीं होता। इसलिए संघर्ष और जीवन दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं।
जीवन का असली आनंद संघर्षों से लड़कर अपने लक्ष्य को पाने में है। जो कुछ हमें आसानी से मिल जाता है, उसकी हमें कद्र नहीं होती, और जब हमें परिश्रम और संघर्ष से कुछ प्राप्त होता है, तो न केवल हम उसकी कद्र करते हैं बल्कि अपने जीवन में संघर्ष से प्राप्त होने वाले अनुभवों से कुछ सीखने भी हैं। संघर्ष के समय हमें अनेक तरह के अच्छे-बुरे अनुभव होते हैं। यह अनुभव हमारे भविष्य के जीवन में काम आते हैं और हमें अपनी गलतियों से सबक लेने का अवसर प्रदान करते हैं। इसीलिए संघर्ष में ही जीवन है, इस बात में पूरी तरह सच्चाई है।
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