बदलती ऋतुएं किस प्रकार जीवन और प्रकृति चक्र में सहायक है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।

विचार लेखन

बदलती ऋतुएं जीवन और प्रकृति चक्र में सहायक

 

बदलती ऋतु में हमारे जीवन और प्रकृति चक्र को पूरी तरह प्रभावित करती हैं। यह हमारे जीवन को में व्यवस्था को एक यह हमारे जीवन में एक संतुलन स्थापित करती हैं और हमारे जीवन को व्यवस्थित करती हैं। मनुष्य की आवश्यकताएं और जीवन शैली पूरे वर्ष एक समान नहीं रहती, वह समय-समय पर बदलती रहती हैं। मनुष्य के शरीर और स्वास्थ्य के लिए गर्म और ठंडे दोनों तरह के वातावरण की समय-समय पर आवश्यकता पड़ती है। उसकी इसी आवश्यकता को गर्मी और सर्दी की ऋतुएं पूरा करती हैं। मनुष्य को पानी भी चाहिए उसकी इस आवश्कता को वर्षा ऋतु पूरा करती है।

मनुष्य अपने भोजन के लिए मुख्यतः फसलों पर आश्रित होता है। सभी फसलों की अलग-अलग प्रकृति होती है। कोई फसल किसी एक ऋतु में तैयार होती है तो दूसरी फसल दूसरी ऋतु में तैयार होती है। इस तरह बदलती ऋतुओं के साथ मनुष्य को अनेक प्रकार की फसलें प्राप्त होती है, जिससे वह अपने भोजन में विविधता ला पाता है।

यदि कोई ऋतु पूरे वर्ष भर एक समान रहेगी तो मनुष्य न केवल उसे ऋतु से उकता जाएगा बल्कि यह उसके स्वास्थ्य और जीवन चक्र के लिए भी ठीक नहीं रहेगा। पूरे वर्ष पर यदि वर्षा होती रहे तो सभी का जीवन पूरी तरह अवस्थित हो जाएगा। सारे काम-काज ठप्प हो जाएंगे और खेती भी नहीं हो सकेगी। इसीलिए वर्ष में वर्षा का एक निश्चित समय निर्धारित हुआ है, जिसमें पूरे वर्ष के लिए मनुष्य की आवश्यकता लायक पानी संग्रहित हो जाता है।

इसी प्रकार पूरे वर्ष भर गर्मी पड़ने या पूरे वर्ष भर सर्दी पड़ने से भी असुविधा का ही सामना करना पड़ेगा। यदि पूरे वर्ष भर गर्मी पड़े और बिल्कुल भी वर्षा ना हो तो सूखे और आकाल की ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। यदि पूरे वर्ष पर सर्दी पड़े और ना ही बरसात हो और ना ही गर्मी पड़े तो भी खेती करना कठिन हो जाएगा। गरीबों को भी सर्दी में जीना मुश्किल हो जाएगा।

इस तरह अलग-अलग ऋतु के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है, जिससे प्रकृति अपने चक्र को चलाती रहती है। अलग-अलग ऋतु में अलग-अलग फसले पकती हैं मनुष्य को भी अलग-अलग ऋतुओं में अपने उत्सव और अपनी भावनाओं को प्रकट करने का अवसर मिलता है। यदि ऋतुएं ना बदलती होतीं तो मनुष्य जीवन में तरह-तरह के त्यौहार भी नहीं होते। अधिकतर त्यौहार ऋतुओं से ही संबंधित है, जो मानव जीवन में रस घोलते हैं, और मनुष्य के अपने हर्षोल्लास को प्रकट करने का अवसर प्रदान करते हैं।

अतः ये स्पष्ट कहा जा सकता है कि बदलती ऋतुओं का जीवन और प्रकृति चक्र में बेहद गहरता प्रभाव पड़ता है।


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