आलू-मटर समास का नाम और समास विग्रह इस प्रकार है :
आलू-मटर : आलू और मटर
समास भेद : द्वंद्व समास
स्पष्टीकरण :
आलू-मटर में द्वंद्व समास इसलिए है क्योंकि आलू-मटर में दोनो पद प्रधान है।
द्वंद्व समास
द्वंद्व समास की परिभाषा के अनुसार दोनों समास में दोनों पद प्रधान होते हैं तथा जब इन पदों का समास विग्रह किया जाता है तो इन पदों के बीच ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ जैसे योजक लगते हैं। समस्त पद बनाते समय बीच के योजक चिन्हों का लोप हो जाता है।
द्वंद्व समास के कुछ अन्य उदाहरण
पति-पत्नी : पति और पत्नी
रात-दिन : रात और दिन
सुख-दुख : सुख और दुख
अच्छा-बुरा :अच्छा और बुरा
आगे-पीछे : आगे और पीछे
समास क्या है?
समास की परिभाषा समास से तात्पर्य शब्दों के संक्षिप्तीकरण से होता है। हिंदी व्याकरण की भाषा में समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जब दो या दो से अधिक पदों का संक्षिप्तीकरण करके एक नवीन पद की रचना की जाती है। समास के संक्षिप्तीकरण की क्रिया समासीकरण कहलाती है। समासीकरण के पश्चात जो नया शब्द बनता है, उसे समस्त पद कहते हैं। समस्त पद को पुनः मूल शब्दों में लाने की प्रक्रिया ‘समास विग्रह’ कहलाती है।
समाज के कुल छः भेद होते हैं :
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- बहुव्रीहि समास
- द्विगु समास
- द्वंद्व समास
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‘एकादश’ में कौन सा समास होगा? समास विग्रह करके समास का नाम बताएं।