‘एकादश’ का समास विग्रह और समास का नाम इस प्रकार है :
एकादश : एक और दश
समास भेद : द्वंद्व समास
स्पष्टीकरण :
‘एकादश’ में द्वंद्व समास इसलिए होगा क्योंकि इसकी रचना दो समान पदों को मिलाकर हुई है। ‘द्वंद्व समास’ में दो पद प्रधान होते हैं। दोनों पदों के बीच एक योजक चिन्ह होता है। उनका समस्त पद बनाते समय दोनों पदों के बीच का योजक चिन्ह लुप्त हो जाता है।
द्वंद्व समास की परिभाषा के अनुसार दोनों समास में दोनों पद प्रधान होते हैं तथा जब इन पदों का समास विग्रह किया जाता है तो इन पदों के बीच ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ जैसे योजक लगते हैं।
उदाहरण :
माता-पिता : माता और पिता
सुख-दुख : सुख और दुख
छल-कपट : छल और कपट
आगे-पीछे : आगे और पीछे
समास से तात्पर्य शब्दों के संक्षिप्तीकरण से होता है। हिंदी व्याकरण की भाषा में समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जब दो या दो से अधिक पदों का संक्षिप्तीकरण करके एक नवीन पद की रचना की जाती है।