हीरो की घाटी में पहुंचकर सिंदबाद को विचित्र अनुभव हुए। जैसे ही विशालकाय पक्षी के पंजों में दबा हुआ सिंदबाद हीरो की घाटी पहुंचा तो वहां सिंदबाद को चारों तरफ हीरे हीरे विखरे दिखाई दिए। हीरों के अलावा वहाँ चारों तरफ से सांप ही साँप नजर आ रहे थे। साँपों को देखकर सिंदबाद घबरा गया और एक गुफा में जाकर छुप गया। सुबह जब गुफा से बाहर निकला तो साँप नहीं दिखाई दिए। फिर उसे मांस के टुकड़े गिरते हुए दिखाई दिए। तब सिंदबाद को याद आया कि हीरे की घाटियों में लोग मांस के टुकड़े फेंका करते हैं, ताकि उनसे हीरे चिपक जाए और उकाब पक्षी मांस के टुकड़ों को जब चोंच में दबाकर लाएं तो उनके साथ हीरे भी आ जाएं।
सिंदबाद को वहाँ बड़े-बड़े उकाब पक्षी भी दिखाई दिए। सिंदबाद ने स्वयं को मांस के एक टुकड़े से बांध दिया। जब वो मांस का टुकड़ा एक उकाब पक्षी लेकर उड़ा तो उसके साथ बंधा सिंदबाद भी हीरो की घाटी से निकल आया ।
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