प्राकृतिक स्वतंत्रता से तात्पर्य स्वतंत्रता के उस प्रकार से है, जो लोगों को प्राकृतिक रूप से प्रकृति से प्राप्त होती है अर्थात किसी राज्य की स्थापना से पूर्व यानी जब राज्यों की अवधारणा स्थापित हुई, उसकी स्थापना से पूर्व लोगों को जो प्राकृतिक स्वतंत्रता प्राप्त थी, वह ही प्राकृतिक स्वतंत्रता है। सरल शब्दों में नैसर्गिक रूप से आदिम जीवन जीने को प्राकृतिक सुंदरता का दूसरा नाम है। प्राकृतिक स्वतंत्रता यानि स्वतंत्रता की वो अवधारणा जिसमें मानव के कार्यों पर किसी का कोई नियंत्रण स्थापित नहीं हो। वह स्वतंत्र रूप से कुछ भी कार्य करने के लिए स्वतंत्र हो। उस तरह की स्वतंत्रा जो जंगली जानवरों को प्राप्त होती है। अपनी इच्छानुसार वे जो चाहे करते हैं।प्राकृतिक स्वतंत्रता एक तरह के जंगलराज का ही दूसरा नाम है।
प्राकृतिक स्वतंत्रता की अवधारणा ‘जाँ जाक रूसो’ से जुड़ी हुई है। ‘जाँ जाक रूसो’ एक प्रसिद्ध दार्शनिक, लेखक और संगीतकार था। उसने राजनीतिक दर्शन से संबंधित अनेक सिद्धांत तत्कालीन यूरोप में प्रतिपादित किए थे। प्राकृतिक स्वतंत्रता की अवधारणा भी रूसो ने ही प्रतिपादित की थी। जाँ जाक रूसो का जन्म 28 जून 1712 को जिनेवा में हुआ था और उसका निधन 2 जुलाई 1778 को हुआ।
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