बहुल भूमिका और भूमिका पुंज में मुख्य अंतर इस प्रकार है…
बहुल भूमिका से तात्पर्य किसी व्यक्ति की प्रस्थिति से होता है, जो सीधे तौर पर उससे जुड़ी हुई होती है, जबकि भूमिका पुंज उस व्यक्ति की प्रस्थिति से जुड़ी अनेक भूमिकाओं के समूह के संदर्भ में प्रयुक्त किया जाता है।
जब किसी व्यक्ति की प्रस्थिति से जुड़ी हुई अनेक भूमिकाओं का समूह बन जाता है, तो उसे भूमिका पुंज के रूप में जाना जाता है। उस प्रस्थिति से जुड़ी भूमिकाओं को भूमिका पुंज कहा जाता है।
उदाहरण के द्वारा समझते हैं…
एक जिलाधिकारी है। जिलाधिकारी होना उसकी एक प्रस्थिति है क्योंकि वह सीधे तौर पर जिलाधिकारी की बनने की भूमिका से जुड़ा हुआ है।
उसके जिला अधिकारी होने के कारण उसके कई अन्य कार्य और कर्तव्य भी हैं, जैसे जिला में शासन प्रशासन व्यवस्था को देखना, जिले के सभी गांव आदि में कानून और प्रशासन की स्थिति को देखना तथा सभी जिले के सभी सरकारी विभागों में कामकाज के संबंध में उचित समन्यवय स्थापित करना यह सारी जिला अधिकारी की विभिन्न भूमिकाएँ हैं।
जिलाधिकारी इन कार्यों के समूह को भूमिका पुंज कहा जाता है।
इसलिए बहुल भूमिका और भूमिका पुंज मुख्य अंतर यही है कि बहुल भूमिका किसी व्यक्ति की प्रस्थिति है, जो व्यक्ति से सीधे तौर पर जुड़ी होती है और व्यक्ति की मुख्य भूमिका है। जबकि उस व्यक्ति की प्रस्थिति से जुड़ी हुई अनेक भूमिकाओं के समूह को भूमिका पुंज कहा जाता है।
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