कवि मनुष्य को सफलता पाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। कवि का कहना है कि यदि मनुष्य को अपने लक्ष्य को पाना है तो उसे अपने पथ पर निरंतर चलते रहना होगा। उसे हर समय प्रयास करते रहना होगा। यदि मनुष्य अपने लक्ष्य की ओर निरंतर आगे बढ़ता रहेगा तो उसे उसकी राह में अनेक ऐसे मनुष्य मिलेंगे जो उसका सहयोग करेंगे। इस तरह आपस में एक दूसरे का सहयोग करते हुए सभी अपने अपने लक्ष्य को की ओर बढ़ते रहेंगे और एक न एक दिन सफलता प्राप्त करके रहेंगे। मिलकर साथ चलने से परस्पर सहयोग द्वारा कोई भी कठिन से कठिन लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। कवि का यही कहने का भाव है। वह मनुष्य को सफलता पाने के लिए यही प्रवृत्ति अपनाने को प्रोत्साहित कर रहा है।
कवि क्या करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है?
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