सही विकल्प होगा :
(iii) मजाक की भावना
विस्तृत विवरण
‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर अगर कहे तो हालदार साहब की नजर में देशभक्ति आजकल मजाक की भावना बनती जा रही है। लोगों में अब देश के प्रति वैसी प्रेम की भावना नहीं रही जैसी स्वतंत्रता आंदोलन के समय होती थी। लोग केवल दिखावे की देशभक्ति करते हैं। जो व्यक्ति सच्ची देशभक्ति करता है, देश के प्रति अपनी भावना को प्रकट करता है, ऐसे लोग उसका मजाक उड़ाते हैं। उनकी नजरों में देशभक्ति मजाक की भावना बनती जा रही है।
‘नेताजी का चश्मा’ पाठ स्वतंत्र प्रकाश द्वारा लिखी गई एक कहानी है, जिसमें उन्होंने एक कस्बे का वर्णन किया है। इस कस्बे में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक प्रतिमा कस्बे के चौराहे पर लगी थी। वह प्रतिमा तो पूरी तरह पत्थर की बनी थी लेकिन उस पर जो चश्मा लगा था वह चश्मा पत्थर का न होकर वास्तविक चश्मा लगा था जो कि अलग से फिट कर दिया गया था। यह काम कैप्टन नाम से प्रसिद्ध एक चश्मा बेचने वाले व्यक्ति ने किया था।
Other questions
नेताजी की मूर्ति से क्षमा मांगने के पीछे कैप्टन का क्या भाव छिपा होता था ? (नेताजी का चश्मा)
हालदार साहब ने जब मूर्ति के नीचे मूर्तिकार ‘मास्टर मोतीलाल’ पढ़ा, तब उन्होंने क्या-क्या सोचा?
कैप्टन की मृत्यु का समाचार देते वक्त पान वाला उदास क्यों हो जाता है?