पिंजरे में बंद पक्षी और आज़ाद पक्षी के बीच संवाद लिखिए।

संवाद लेखन

पिंजरे में बंद पक्षी और आजाद पक्षी के बीच संवाद

 

पिंजरे में बंद पक्षी ⦂ (एक पक्षी उड़ कर आया) कैसे हो भाई, कहाँ थे इतने दिन?

आज़ाद पंछी ⦂ (मुसकुराते हुए) भाई आजकल बहुत गर्मी पड़ रही है, इसलिए अपने परिवार के साथ नदी के उस पार जो पेड़ है, कुछ दिनों के लिए उस पर अपना बसेरा बना लिया था।

पिंजरे में बंद पक्षी ⦂ (गहरी साँस भरते हुए) चलो अच्छा है। तुम्हारे तो मजे हैं।

आज़ाद पक्षी ⦂ क्या हुआ भाई तुम बहुत उदास लग रहे हो और तुम्हारा चेहरा भी कुछ मुरझाया हुआ लग रहा है ।

पिंजरे में बंद पक्षी ⦂ क्या बताऊँ भाई, इस घर के मालिक मुझे यहाँ पिंजरे में खिड़की पर टाँग कर एक कटोरी में पानी रख कर चले जाते है। धूप के कारण मेरे सारे पंख जल रहे हैं। पानी गर्म हो जाने के कारण मैं पानी नहीं पी पाता हूँ और ना जाने मेरा परिवार किस हाल में होगा ।

आज़ाद पक्षी ⦂ भाई तुम उदास मत हो। तुम कुछ करते क्यों नहीं?

पिंजरे में बंद पक्षी ⦂ अरे भाई! क्या तुम्हें दिखाई नहीं देता मैं यहाँ कैद में हूँ। मैं भला क्या कर सकता हूँ?

आज़ाद पक्षी ⦂ ठीक है–ठीक है, नाराज मत हो। मेरी बात ध्यान से सुनो। जब ये लोग (मकान का मालिक) तुम्हारे पिंजरे में पानी रखने आएंगे तब तुम अपनी आँखें बंद करके लेट जाना। वह तुम्हें मरा हुआ समझ कर जैसे ही बाहर निकालेंगे, तुम जल्दी से उड़ जाना।

पिंजरे में बंद पक्षी ⦂ (घबराया हुआ) लेकिन अगर उन्होंने मुझे फिर से पकड़ लिया तो?

आज़ाद पक्षी ⦂ (हौसला देते हुए) घबराओ मत। हिम्मत से काम लो। अगर अपने परिवार के पास जाना है तो तुम्हें ऐसा करना ही पड़ेगा और भगवान ने तुम्हें यह चोंच दी है ना। इसका इस्तेमाल सिर्फ खाने के लिए ही नहीं बल्कि हथियार की तरह करो। मैं यहाँ पास में ही छुप कर रहूँगा और अगर कोई मुश्किल आई तो मैं तुम्हारी मदद के लिए आ जाऊंगा।

पिंजरे में बंद पक्षी ⦂ (आँखें बंद करके लेट गया) जैसे ही घर का मालिक दाना-पानी रखने आया, पक्षी को लेटा हुआ देखकर मालिक लगा कि पक्षी मर गया। जैसे ही उसने उसे पिंजरे से बाहर निकाला पक्षी ने उसे तुरंत चोंच मारी और जल्दी से उड़ गया।

आज़ाद पक्षी ⦂ (बेसब्री से इंतजार करते हुए) जल्दी–जल्दी भागो।

पिंजरे वाला पक्षी ⦂ अपने परिवार के मिल गया। फिर वो आजाद पक्षी से बोला, भाई तुम्हारा यह एहसान मैं कभी भी नहीं उतार सकता। सिर्फ तुम्हारी वजह से मैं आज अपने परिवार से मिल पाया हूँ, वरना मैंने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी।

आज़ाद पक्षी ⦂ (मुसकुराते हुए) अरे! भाई उम्मीद पर तो दुनिया कायम है।


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