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दी गई कविता के आधार पर पूछ गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। कविता चिडि़या को लाख समझाओ कि पिंजड़े के बाहर धरती बहुत बड़ी है, निर्मम है, वहाँ हवा में उन्हें अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी। यूँ तो बाहर समुद्र है, नदी है, झरना है, पर पानी के लिए भटकना है, यहाँ कटोरी में भरा जल गटकना है। बाहर दाने का टोटा है, यहाँ चुग्गा मोटा है। बाहर बहेलिए का डर है, यहाँ निर्द्वंद्व कंठ-स्वर है। फिर भी चिडि़या मुक्ति का गाना गाएगी, मारे जाने की आशंका से भरे होने पर भी, पिंजरे में जितना अंग निकल सकेगा, निकालेगी, हरसूँ ज़ोर लगाएगी और पिंजड़ा टूट जाने या खुल जाने पर उड़ जाएगी। 1. धरती को बहुत बड़ी और निर्मम क्यों कहा गया है? 2. पिंजरे के अंदर दाने-पानी की क्या व्यवस्था है? 3. कौन-सी मुश्किलों के बाद भी चिड़िया मुक्त होना चाहेगी? 4. चिड़िया मुक्ति के लिए किस तरह प्रयास करेगी? 5. पिंजरे में बंद चिड़िया कैसे उड़ पाएगी ?