दी गई कविता के आधार पर पूछ गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। कविता चिडि़या को लाख समझाओ कि पिंजड़े के बाहर धरती बहुत बड़ी है, निर्मम है, वहाँ हवा में उन्हें अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी। यूँ तो बाहर समुद्र है, नदी है, झरना है, पर पानी के लिए भटकना है, यहाँ कटोरी में भरा जल गटकना है। बाहर दाने का टोटा है, यहाँ चुग्गा मोटा है। बाहर बहेलिए का डर है, यहाँ निर्द्वंद्व कंठ-स्वर है। फिर भी चिडि़या मुक्ति का गाना गाएगी, मारे जाने की आशंका से भरे होने पर भी, पिंजरे में जितना अंग निकल सकेगा, निकालेगी, हरसूँ ज़ोर लगाएगी और पिंजड़ा टूट जाने या खुल जाने पर उड़ जाएगी। 1. धरती को बहुत बड़ी और निर्मम क्यों कहा गया है? 2. पिंजरे के अंदर दाने-पानी की क्या व्यवस्था है? 3. कौन-सी मुश्किलों के बाद भी चिड़िया मुक्त होना चाहेगी? 4. चिड़िया मुक्ति के लिए किस तरह प्रयास करेगी? 5. पिंजरे में बंद चिड़िया कैसे उड़ पाएगी ?

इस प्रश्न में दी गई कविता हिंदी के जाने-माने कवि ‘सर्वेश्वर दयाल सक्सेना’ द्वारा रचित ‘मुक्ति की आकांक्षा’ कविता है। ये पूरी कविता इस प्रकार है…

चिडि़या को लाख समझाओ
कि पिंजड़े के बाहर
धरती बहुत बड़ी है, निर्मम है,
वहाँ हवा में उन्हें
अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी।
यूँ तो बाहर समुद्र है, नदी है, झरना है,
पर पानी के लिए भटकना है,
यहाँ कटोरी में भरा जल गटकना है।
बाहर दाने का टोटा है,
यहाँ चुग्गा मोटा है।
बाहर बहेलिए का डर है,
यहाँ निर्द्वंद्व कंठ-स्वर है।
फिर भी चिडि़या
मुक्ति का गाना गाएगी,
मारे जाने की आशंका से भरे होने पर भी,
पिंजरे में जितना अंग निकल सकेगा, निकालेगी,
हरसूँ ज़ोर लगाएगी
और पिंजड़ा टूट जाने या खुल जाने पर उड़ जाएगी।

इस कविता के आधार पर पूछे गए निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार होंगे….​

1. धरती को बहुत बड़ी और निर्मम क्यों कहा गया है?

धरती को बहुत बड़ी और निर्मम इसलिए कहा गया है क्योंकि पिंजरे के बाहर की दुनिया बहुत विस्तृत और कठिन है। वहाँ चिड़िया को अपने आप को सुरक्षित रखने और भोजन पाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। उसे अपनी गंध तक नहीं मिलेगी, और उसे हर वक्त खतरे का सामना करना पड़ेगा।

2. पिंजरे के अंदर दाने-पानी की क्या व्यवस्था है?

पिंजरे के अंदर दाने और पानी की अच्छी व्यवस्था है। वहाँ पानी कटोरी में भरा हुआ है और दाने चुग्गे के रूप में आसानी से मिल जाते हैं। पिंजरे में चिड़िया को दाने-पानी की कोई कमी नहीं होती।

3. कौन-सी मुश्किलों के बाद भी चिड़िया मुक्त होना चाहेगी?

चिड़िया मुक्त होना चाहेगी भले ही बाहर समुद्र, नदी और झरना हो, पर पानी के लिए भटकना पड़े। वहाँ दाने का टोटा हो, बहेलिए का डर हो, परंतु फिर भी वह पिंजरे की निर्द्वंद्व स्थिति से बाहर निकलकर स्वतंत्रता का अनुभव करना चाहेगी।

4. चिड़िया मुक्ति के लिए किस तरह प्रयास करेगी?

चिड़िया मुक्ति के लिए अपने पूरे प्रयास करेगी। वह मारे जाने की आशंका से भरे होने पर भी, जितना अंग पिंजरे से बाहर निकाल सकेगी, निकालेगी और हर संभव जोर लगाएगी ताकि पिंजड़ा टूट जाए या खुल जाए और वह उड़ सके।

5. पिंजरे में बंद चिड़िया कैसे उड़ पाएगी?

पिंजरे में बंद चिड़िया पिंजड़ा टूट जाने या खुल जाने पर ही उड़ पाएगी। वह अपने मुक्त होने की चाह में हरसंभव प्रयास करेगी और मौका मिलते ही आजादी की उड़ान भरेगी।


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