संवाद
छात्र और प्रदूषण के बीच संवाद
छात्र : हैलो प्रदूषण! तुम हमारे वातावरण को इतना क्यों प्रभावित कर रहे हो?
प्रदूषण : प्रिय छात्र! मैं स्वयं इस काम के लिए जिम्मेदार नहीं हूँ। मैं तो तुम मनुष्यों के कार्यों का परिणाम ही हूँ। तुम मनुष्य द्वारा चलाए जाने वाले कारखाने, वाहन, और औद्योगिक गतिविधियाँ मुझे जन्म देती हैं।
छात्र : लेकिन तुम पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो। हमारी धरती को तुम बहुत नुकसान पहुंचा रहे हो।
प्रदूषण : सच कहता है! मेरे कारण वायु, जल और मिट्टी की गुणवत्ता खराब हो रही है। श्वसन संबंधी रोग, जलवायु परिवर्तन – ये सब मेरे ही परिणाम हैं।
छात्र : हमें तुम्हें कम करने के लिए क्या करना चाहिए?
प्रदूषण : लोगों को जागरूक होना होगा। साफ ऊर्जा का उपयोग, वाहनों का कम प्रयोग, वृक्षारोपण, और पुनर्चक्रण – ये सब महत्वपूर्ण हैं।
छात्र : मैं अपने स्तर पर इसके लिए प्रतिबद्ध हूँ। मैं अपने दोस्तों और परिवार में जागरूकता फैलाऊँगा।
प्रदूषण : बिल्कुल! हर छोटा प्रयास बड़ा बदलाव ला सकता है। तुम मनुष्य लोग अगर पर्यावरण से खिलवाड़ नहीं करोगे। पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाली अपनी गतिविधियों को पर नियंत्रण रखोगे तो मैं उत्पन्न नहीं होऊंगा और तुम्हे मुझसे न तो परेशानी होगी और ना ही शिकायत करने का अवसर मिलेगा।
छात्र : हाँ तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो। हम मनुष्य ही तुम्हे उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार हैं और हमें तुम्हे कम करने की पहल करनी होगी।
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