अनौपचारिक पत्र
जीवन रूपी पथ पर निरंतर गतिशील रहने की प्रेरणा देते हुए मित्र को प्रेरणादायी पत्र
दिनांक : 21 जून 2024
प्रिय मित्र दीपांशु,
तुम्हें मेरा स्नेह रूपी अभिवादन,
तुम्हारी कुशलता की कामना करते हुए आज तुम्हे कुछ प्रेरणादायी बाते कहना चाहता हूँ। मुझे पता चला है कि तुम आजकल कुछ निराशा के दौर से गुजर रहे हो। तुम जिस काम में संलग्न हो उसमें सफलता नहीं मिलने के कारण तुम्हारे मन में निराशा के भाव उत्पन्न हो रहे हैं।
मित्र, मैं तुम्हें समझाना चाहूंगा कि यह जीवन है। इसमें हमें सुख-दुख सभी का सामना करना पड़ता है, लेकिन हमें जीवन रूपी पथ पर निरंतर गतिशील रहना पड़ता है। यह जीवन एक यात्रा के समान है। इस जीवन रूपी पथ पर जब तक हम निरंतर चलते रहेंगे तब ही हम अपने लक्ष्य को पा सकते हैं। जीवन रूपी इस पथ में हमारे रास्ते में कई तरह की बाधाएं भी आ सकती हैं, लेकिन हमें उन बाधाओं से घबराना नहीं है और निरंतर इस पथ पर चलते ही जाना है तो एक न एक दिन हमारा लक्ष्य हमें अवश्य प्राप्त होगा।
इसलिए मैं तुमको कहना चाहूंगा कि तुम अपने कार्य में आने वाली किसी भी तरह की बाधाओं से निराश मत हो बल्कि यह समझ लो यह तुम्हारी परीक्षा की घड़ी है। तुम्हें इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना है और निरंतर आगे बढ़ते रहना है। एक ना एक दिन तुम्हें तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य होगी। आशा है मेरी बातें तुम्हारी मन की निराशा को दूर करने मैं सहायक सिद्ध होंगी।
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
निरंजन ।
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