अनौपचारिक पत्र
हिंदी भाषा का महत्व बताते हुए मित्र को पत्र
दिनाँक – 10/7/2024
यशोधा निवास, नन्द विहार,
वृंदावन, उत्तम प्रदेश – 123456,
प्रिय मित्र शिवम,
सप्रेम ! आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि तुम स्वस्थ और आनंद से होंगें । कई दिनों से तुम्हें पत्र लिखने की सोच रहा था, लेकिन थोड़ी व्यस्तता के कारण समय नहीं निकल पा रहा था । आज अपने कार्य को थोड़ा विराम देकर मैंने तुम्हें यह पत्र लिखने का मन बना ही लिया है । मेरा आज यह पत्र लिखने का एक विशेष कारण है। मैं जनता हूँ कि तुम विलायत से पढ़ कर आए हो और तुम्हें हिन्दी भाषा का अधिक ज्ञान नहीं है पर तुम एक भारतीय हो और तुम्हें हिन्दी भाषा का ज्ञान होना चाहिए। आज में तुम्हें हिन्दी भाषा के बारे में कुछ विशेष जानकारी दे रहा हूँ ।
हिंदी एक भाषा नहीं भारत की पहचान है | यह हमारे नैतिक मूल्यों, संस्कारो और संस्कृति का प्रतीक है। यह सरल सहज और समझने की दृष्टि से बहुत ही सुगम भाषा है। यह विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओ में तीसरे स्थान पर आती है । इस आधार पर ही हम इसके महत्व को समझ सकते है।
भारत की मूल भाषा तथा हमारी संस्कृति की आन बान शान दुनिया की प्राचीनतम भाषाओ में से एक भाषा हिंदी है। हिंदी हम भारतीयों की पहचान है। हिन्दी भाषा को 14 सितम्बर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। भारत में राजभाषा तथा राष्ट्रभाषा का दर्जा दोनों हिंदी को ही प्राप्त है । भारतीय संस्कृति तथा भारतीयता का दुनियाभर में परचम लहराने में हिंदी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हिंदी के आधार पर हम भारतीयों को एक अलग पहचान का दर्जा मिलता है । पर आज हमारी इस मातृभाषा के महत्व को हम भुलाकर विदेशी भाषओं को अपना रहे है । हमारे देश की मातृभाषा के ज्ञाता को हम गंवार और विदेशी भाषाओं के ज्ञाता को हम ज्ञानी मानते है ।
यह हमारे लिए बड़ी विडबंना की बात है कि हम अपनी मातृभाषा से दूर होते जा रहे हैं। हमे जीवन में हिंदी को अपनाकर इसका विकास करना चाहिए । सरकार द्वारा हिंदी के विकास के लिए उठाए जा रहे कदम कारगर साबित हो रहे है । लगातार प्रयासों से कंप्यूटर में हिंदी भाषा को जोड़ने से कार्य आसानी से किया जा रहा है । जो हम भारतीय लोगो के लिए तथा हिंदी भाषी लोगो के लिए उपयोगी साबित हुआ है |
सभी विभागों और कार्यालयों की साईट हिंदी बनाकर उस पर हिंदी में कार्य करना पहले की तुलना में आसन हो गया है । सरकार द्वारा शुरू की जा रही नवीन जन कल्याणकारी योजनाओ का हिंदी के माध्यम से सभी को लाभ मिल सकेगा । अगर तुम मेरे विचार से सहमत हो तो मुझे अवश्य बताना । तुम्हारे सकारात्मक उत्तर की अपेक्षा है । अपने माता-पिता को मेरा चरण स्पर्श कहना । आशा करता हूँ कि हमारी मुलाकात शीघ्र हो ।
तुम्हारा मित्र,
मोहन ।
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