इस प्रश्न का सही उत्तर होगा..
1. राज्य
═══════════════
व्याख्या
राज्य को सभी सामाजिक संस्थाओं में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। राज्य, राष्ट्र, समाज और न्यायतंत्र जैसी अन्य सामाजिक संस्थाओं से अधिक शक्तिशाली होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि राज्य, राष्ट्र, समाज और न्यायतंत्र जैसी सामाजिक संस्थाओं का गठन स्वेच्छा अथवा राजा के नियमों पर आधारित होता है, किंतु राज्य एक ऐसी संस्था है जिसकी सदस्यता अनिवार्य होती है और राज्य के नियमों का पालन करना बाध्यकारी भी होता है।
राज्य को सभी सामाजिक संस्थाओं में सबसे शक्तिशाली माना जाता है।
इसके पीछे कई कारण हैं
- वैध बल का एकाधिकार : राज्य के पास अपने क्षेत्र में वैध बल का उपयोग करने का एकमात्र अधिकार होता है। यह कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और सेना जैसे संगठनों का उपयोग कर सकता है।
- कानून बनाने की शक्ति : राज्य कानून बनाने, लागू करने और उनकी व्याख्या करने का अधिकार रखता है। यह शक्ति समाज के सभी पहलुओं को नियंत्रित और निर्देशित करने की क्षमता प्रदान करती है।
- संसाधनों पर नियंत्रण : राज्य के पास कर लगाने और संसाधनों के वितरण का अधिकार होता है, जो इसे आर्थिक शक्ति प्रदान करता है।
- नीति निर्माण: राज्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीतियां बनाता है, जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करती हैं।
- सार्वभौमिकता: राज्य की सत्ता उसके क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यक्तियों और संस्थाओं पर लागू होती है।
- अंतरराष्ट्रीय मान्यता : अंतरराष्ट्रीय कानून में, राज्य को एक संप्रभु इकाई के रूप में मान्यता दी जाती है।
- सामाजिक नियंत्रण : राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में नियंत्रण रखता है, जो समाज के विकास और कल्याण को प्रभावित करते हैं।
हालांकि राष्ट्र, समाज और न्यायतंत्र भी महत्वपूर्ण सामाजिक संस्थाएँ हैं, लेकिन राज्य की व्यापक शक्तियाँ और प्रभाव इसे सबसे शक्तिशाली बनाते हैं। राज्य की यह शक्ति अन्य संस्थाओं के साथ संतुलन में रहती है, जो एक स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए आवश्यक है।
Related questions
नागरिकता की अवधारणा में किसने गुलाम को बाहर रखा? 1. प्लेटो 2. अरस्तु 3. हॉब्स 4. ऑस्टिन
न्यायिक पुनरावलोकन की व्यवस्था नहीं है? (a) यूएसए में (b) भारत में (c) इंग्लैंड में (d) फ्रांस में