सही उत्तर है…
(2) उदारवादी
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व्याख्या
संपत्ति के संबंध में ग्रीन का विचार उदारवादी है।
टी.एच. ग्रीन (Thomas Hill Green, 1836-1882) एक प्रमुख ब्रिटिश दार्शनिक और राजनीतिक विचारक थे, जिन्हें नव-उदारवाद या आदर्शवादी उदारवाद के संस्थापकों में से एक माना जाता है। संपत्ति के संबंध में ग्रीन के विचार उदारवादी दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करते हैं, लेकिन यह एक संशोधित और सामाजिक रूप से जागरूक उदारवाद है।
ग्रीन ने संपत्ति के अधिकार को मान्यता दी, लेकिन उन्होंने इसे एक निरपेक्ष या असीमित अधिकार नहीं माना। उनका मानना था कि संपत्ति का अधिकार व्यक्ति के नैतिक विकास और स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह अधिकार समाज के प्रति जिम्मेदारियों के साथ संतुलित होना चाहिए।
ग्रीन के दृष्टिकोण में, संपत्ति का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत लाभ नहीं, बल्कि सामाजिक कल्याण में योगदान देना भी है। उन्होंने तर्क दिया कि राज्य को संपत्ति के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन अधिकारों का उपयोग सामाजिक हित में हो।
यह दृष्टिकोण क्लासिकल उदारवाद से अलग है, जो संपत्ति के अधिकारों को अधिक निरपेक्ष रूप से देखता है, और समाजवाद से भी भिन्न है, जो निजी संपत्ति के विचार को ही चुनौती देता है। ग्रीन का उदारवाद एक मध्यम मार्ग प्रस्तुत करता है, जो व्यक्तिगत अधिकारों और सामाजिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करता है।
इस प्रकार, ग्रीन का संपत्ति संबंधी दृष्टिकोण उदारवादी है, लेकिन यह एक सामाजिक रूप से जागरूक और नैतिक रूप से प्रेरित उदारवाद है, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय के बीच सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास करता है।