सही उत्तर है…
(1) ग्रीन
विस्तृत विवरण
प्रमुख ब्रिटिश दार्शनिक और राजनीतिक विचारक ग्रीन जिनका पूरा नाम थॉमस ग्रीन था, वे ही ‘राजनीतिक दायित्व के सिद्धांत पर व्याख्यान’ (Lectures on the Principles of Political Obligation) नामक रचना के लेखस थे। हालाँकि उनकी ये रचना उनके जीवनकाल में प्रकाशित नहीं हुई थी। उनकी कोई भी रचना उनके जीवन काल में प्रकाशित हुई। उनके निधन के बाद उनके शिष्य आर. एल. नेटलशिप ने उनकी रचनाओं को प्रकाशित किया। उन्हीं रचनाओं में ‘राजनीतिक दायित्व के सिद्धांत पर व्याख्यान’ (Lectures on the Principles of Political Obligation) नामक रचना भी थी।
अतः स्पष्ट है कि ‘राजनीतिक दायित्व के सिद्धांत पर व्याख्यान’ का लेखक ‘थॉमस हिल ग्रीन’ है। यह उनके प्रमुख कार्यों में से एक है, जिसमें उन्होंने राजनीतिक दायित्व की अवधारणा को विस्तार से समझाया है। इस संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं:
1. ग्रीन ने राजनीतिक दायित्व को नागरिकों और राज्य के बीच एक नैतिक संबंध के रूप में परिभाषित किया।
2. उन्होंने राजनीतिक दायित्व को समाज की सामान्य इच्छा से जोड़ा।
3. ग्रीन ने राजनीतिक दायित्व को एक नैतिक बाध्यता के रूप में देखा, न कि केवल कानूनी बाध्यता के रूप में।
4. ग्रीन ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामूहिक हित के बीच संतुलन पर जोर दिया।
5. ग्रीन के अनुसार, राज्य का उद्देश्य नागरिकों के नैतिक विकास को बढ़ावा देना है।
6. ग्रीन ने सक्रिय नागरिक भागीदारी के महत्व पर बल दिया।
7. ग्रीन ने राजनीतिक दायित्व को सामाजिक न्याय के साथ जोड़ा।
ग्रीन का यह कार्य 19वीं सदी के उत्तरार्ध में ब्रिटिश राजनीतिक दर्शन में महत्वपूर्ण योगदान था। उनके विचारों ने आधुनिक लिबरल लोकतंत्र की अवधारणाओं को प्रभावित किया और राजनीतिक दर्शन में नए विचारों को जन्म दिया।
