सही उत्तर है…
(2) यांत्रिक नियतिवादी
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व्याख्या
हॉब्स की अध्ययन शैली को ‘यांत्रिक नियतिवादी’ कहा जा सकता है।
थॉमस हॉब्स ((Thomas Hobbes ) (1588-1679) 17वीं सदी के अंग्रेज दार्शनिक थे, जिन्होंने राजनीतिक दर्शन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी अध्ययन शैली को यांत्रिक नियतिवादी इसलिए कहा जाता है क्योंकि हॉब्स ने मानव व्यवहार और समाज को भौतिक नियमों के आधार पर समझने का प्रयास किया। उन्होंने मानव को एक जटिल मशीन के रूप में देखा जो प्राकृतिक नियमों से संचालित होती है। उन्होंने मानव व्यवहार और सामाजिक घटनाओं को कारण-प्रभाव के सिद्धांत पर आधारित माना, जो यांत्रिक प्रक्रियाओं की तरह काम करते हैं।
हॉब्स का मानना था कि मानव व्यवहार पूर्व निर्धारित नियमों द्वारा नियंत्रित होता है, जिसे समझकर भविष्य की घटनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषण में गणितीय तर्क का उपयोग किया, जो यांत्रिक सोच को दर्शाता है। हॉब्स न्यूटन और गैलीलियो जैसे वैज्ञानिकों से प्रभावित थे, जिन्होंने प्रकृति को यांत्रिक नियमों से संचालित माना।
इस प्रकार, हॉब्स की अध्ययन शैली मानव समाज और व्यवहार को यांत्रिक नियमों और सिद्धांतों के आधार पर समझने का प्रयास करती है, इसलिए इसे यांत्रिक नियतिवादी कहा जाता है।
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