फ्रांस की क्रांति से पहले फ्रांस का समाज तीन स्टेट्स में विभाजित था। इन तीन स्टेट्स के नाम इस प्रकार हैं :
- प्रथम स्टेट
- द्वितीय स्टेट्स
- तृतीय स्टेट्स
विस्तार से….
फ्रांस की आजादी से पहले 17वीं और 18वीं शताब्दी में फ्रांस का समाज 3 स्टेट में विभाजित था। यह तीनों फ्रांस के प्रथम स्टेट, द्वितीय स्टेट और तृतीय स्टेट कहलाते थे। प्रथम स्टेट के लोगों में पादरी वर्ग के सदस्य होते थे, जो कैथोलिक चर्च से संबंध रखते थे। इसके अलावा इसमें राजशाही वर्ग के लोग भी होते थे।
द्वितीय स्टेट्स में कुलीन वर्ग के लोग होते थे। इनमें ड्यूक, विस्काउंट, शूरवीर तथा अन्य उल्लेखनीय उपाधियों से सम्मानित लोग इसमें शामिल होते थे। इसके अलावा शाही परिवार के सदस्य भी इसमें शामिल होते थे लेकिन राजा प्रथम स्टेट में शामिल होता था।
तृतीय स्टेट में फ्रांस की शेष आम जनता आती थी। जिसमें किसान, वकील, मजदूर, दुकानदार, व्यापारी तथा अन्य संबंधित लोग थे। यह फ्रांसीसी का आबादी का 96% हिस्सा होता था। तृतीय स्टेट के लोगों को हर तरह का कर देना अनिवार्य था। फ्रांसीसी समाज में जितने भी कर लागू थे, वे सभी तृतीय स्टेट्स को देना अनिवार्य था, जबकि प्रथम और द्वितीय स्टेट के लोगों को बहुत से करों में छूट थी और उन्हें हर तरह का कर देना अनिवार्य नहीं था। फ्रांसीसी क्रांति का मुख्य कारण यह असमानता और भेदभाव भी बना था।
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