17-18 वीं शताब्दी में फ्रांस का दशमांश क्या था?

‘दशमांश’ फ्रांस के मध्य कालीन युग में चर्च द्वारा किसानों पर लगाया जाने वाला ‘कर’ होता था।

दशमांश वह कर होता था,  जो धार्मिक योगदान के नाम पर किसानों से वसूल किया जाता था। इसे ‘तिथे’ (Tithe) कर कहते थे। यह किसानों की कुल उपज का दसवां हिस्सा था। किसान वर्ग फ्रांस में तृतीय एस्टेट से संबंध रखता था। इस कारण उसे यह कर देना अनिवार्य था।

तृतीय एस्टेट से संबंधित लोगों को फ्रांसीसी समाज में हर प्रकार का कर देना अनिवार्य होता था। दशमांश यानि तिथे कर के अलावा टाइल और वेंग्टिन जैसे ऐसे अनेक कर थे जो फ्रांसीसी समाज में तृतीय स्टेट पर लगाए जाते थे। मध्यकालीन युग में फ्रांसीसी समाज तीन भागों में विभाजित था।

  • प्रथम स्टेट
  • द्वितीय स्टेट
  • तृतीय स्टेट

प्रथम स्टेट में पादरी वर्ग एवं कुलीन वर्ग के लोग आते थे।

द्वितीय स्टेट में प्रबुद्ध वर्ग और संपन्न वर्ग के लोग शामिल थे।

जबकि तृतीय स्टेट में आम जनता शामिल थी, जिसमें किसान, बढ़ई, मजदूर, व्यापारी, वकील, डॉक्टर आदि सभी शामिल होते थे।


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