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(3) स्वतंत्र व्यक्तियों के स्वामी
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व्याख्या
स्वतंत्र व्यक्तियों के स्वामी को ग्रीक नगर राज्यों का नागरिक माना जाता है।
प्राचीन ग्रीक नगर-राज्यों में नागरिकता की अवधारणा आधुनिक समय से काफी भिन्न थी। ग्रीक नगर-राज्यों में नागरिक वे लोग माने जाते थे जो स्वतंत्र व्यक्तियों के स्वामी थे। इस संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं,
- स्वतंत्र पुरुष : नागरिकता केवल स्वतंत्र पुरुषों तक ही सीमित थी। महिलाओं, बच्चों और गुलामों को नागरिक नहीं माना जाता था।
- जन्म से प्राप्त अधिकार : आमतौर पर नागरिकता जन्म से प्राप्त होती थी। नागरिक माता-पिता से जन्मे पुरुष बच्चे ही नागरिक बनते थे।
- संपत्ति का स्वामित्व : नागरिकों के पास अपनी संपत्ति होती थी और वे दूसरों (गुलामों) के स्वामी होते थे।
- राजनीतिक अधिकार : नागरिकों को राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग लेने का अधिकार था, जैसे मतदान करना और सार्वजनिक कार्यालयों में सेवा करना।
- सैन्य सेवा : नागरिकों से अपेक्षा की जाती थी कि वे नगर-राज्य की रक्षा के लिए सैन्य सेवा प्रदान करें।
- धार्मिक कर्तव्य : नागरिकों का नगर-राज्य के धार्मिक उत्सवों और समारोहों में भाग लेना अनिवार्य था।
यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि:
- मजिस्ट्रेट नागरिकों द्वारा चुने जाते थे, लेकिन सभी नागरिक मजिस्ट्रेट नहीं होते थे।
- गुलाम नागरिक नहीं माने जाते थे।
- राजनैतिक विचारक नागरिक हो सकते थे, लेकिन सभी नागरिक राजनैतिक विचारक नहीं होते थे।
- इस प्रकार, स्वतंत्र व्यक्तियों के स्वामी होना ग्रीक नगर-राज्यों में नागरिकता का सबसे व्यापक और सटीक वर्णन है।