इस प्रश्न का सही उत्तर है…
(3) (1) एवं (2) दोनों
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व्याख्या
मनुस्मृति में वर्णित ‘मंडल सिद्धांत’ प्राचीन भारतीय राजनीतिक और कूटनीतिक चिंतन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सिद्धांत राज्यों के बीच संबंधों और रणनीतिक स्थितियों को समझने का एक तरीका प्रदान करता है। इस सिद्धांत में विभिन्न प्रकार के राज्यों और उनके संभावित व्यवहारों का वर्णन किया गया है।
‘आक्रान्दासार’ शब्द इस सिद्धांत में एक विशिष्ट प्रकार के शत्रु को संदर्भित करता है। इसका अर्थ है:
1. आगे का शत्रु : यह एक ऐसा राज्य है जो भौगोलिक रूप से सीधे सामने स्थित है और संभावित खतरा पेश करता है।
2. आगे से आक्रमण करने वाला : यह शब्द उस शत्रु की प्रकृति को भी दर्शाता है जो सीधे सामने से आक्रमण करने की क्षमता रखता है।
इस प्रकार, ‘आक्रान्दासार’ दोनों अर्थों को समाहित करता है – यह न केवल आगे स्थित शत्रु है, बल्कि वह शत्रु जो सीधे आक्रमण कर सकता है।
यह अवधारणा राजनीतिक रणनीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण है क्योंकि:
○ यह राज्य को अपने सामने के खतरों के प्रति सतर्क रहने की याद दिलाती है।
○ यह रक्षात्मक और आक्रामक रणनीतियों की योजना बनाने में मदद करती है।
○ यह कूटनीतिक संबंधों और गठबंधनों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
‘मंडल सिद्धांत’ का यह पहलू दर्शाता है कि प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन में राज्यों के बीच संबंधों और संभावित खतरों का गहन विश्लेषण किया जाता था, जो आधुनिक अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों के समान है।