किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि जितना भोजन में नमक का महत्व होता है, उतना ही परिवार में बड़ों का महत्व होता है। वह परिवार भाग्यशाली होता है,जहां बड़े रहते हैं | वह घर मंदिर के समान होता है। ऐसे परिवार की कोई कीमत नहीं जहां बड़े बुजुर्गों को अपमानित किया जाता है। परिवार में बड़ों का बहुत महत्व होता है, घर के जो रीति–रिवाज़ बड़ों से अच्छा कोई नहीं जानता। जिस घर में बड़े होते हैं वह घर संस्कारों से भर जाता है। बड़े बुजुर्ग हमें मर्यादा में रहना सीखते है। परिवार के बड़े संस्कारों की धरोहर होते हैं। सब के प्रती प्रेम, सम्मान और अपने की भावना हमें अपने परिवार के बुजुर्गों से ही मिलती है। बड़े बुजुर्ग हमें प्रोत्साहन व प्रेरणा देते हैं। वह हमारे जीवन का आधार हैं और पहले गुरु भी इसलिए हमें अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। बड़े अपने जीवन के अनुभव से हम छोटों को सही रास्ता दिखाते है। हमें हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए।
Related questions
‘स्वयं अनुभव किया हुआ आतिथ्य’ इस विषय पर अपने विचार 100 शब्दों में लिखिए।