‘कॉर्न ला’ क्या था? ‘कॉर्न लॉ’ के द्वारा किस फसल के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया था?

‘कॉर्न ला’ 19वीं शताब्दी में ब्रिटेन में लगाया गया एक आयातित खाद्य कानून था। यह खाद्य कानून मक्का फसल के आयात के प्रतिबंध लगाने हेतु बनाया गया था।

‘कॉर्न ला’ के द्वारा मक्का फसल के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया था। 1815 ई से 1840 ई के बीच ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए इस कानून के तहत कुछ निश्चित खाद्य पदार्थों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इन खाद्य पदार्थों के आयात पर प्रतिबंध लगाने का मुख्य उद्देश्य ब्रिटेन में घरेलू अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देना। इसीलिए तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने कॉर्न लॉ बिल बनाया, जिसमें मक्का, गेहूँ, जई और जौ जैसे सभी अनाजों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

ध्यान देने योग्य बात ये है कि कॉर्न लॉ के अंतर्गत केवल मक्का ही नहीं बल्कि गेहूँ, जई और जौ जैसे अनाजों पर भी प्रतिबंध लगाया था। ये भी अनाज मकई के अन्तर्गत ही आते थे।

ब्रिटिश सरकार नहीं चाहती थी कि ब्रिटेन से बाहर से आने वाला सस्ता अनाज ब्रिटेन में आए और उसके घरेलू उत्पादन पर असर पड़े। इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ घरेलू अनाज के दरों में वृद्धि करना था। हालांकि ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए इस कानून का कोई खास सकारात्मक असर नहीं हुआ।

इस कानून के बाद ब्रिटेन की कृषि व्यवस्था एकदम चरमरा गई। ब्रिटेन के किसान उसे स्तर का अनाज उत्पन्न नहीं कर सके जो बाहर से आयात किया जाता था। वे बाहर के अनाज के सस्ते मूल्य की बराबरी कर सके। वह इसमें सामंजस्य से नहीं बैठ सके। इस कारण इस कानून के कारण अनेक किसान बेरोजगार हो गए। कृषि व्यवस्था चरमरा जाने के कारण किसान इस कानून के विरुद्ध आंदोलन करने लगे। अंततः तत्कालीन ब्रिटिश सरकार को 1946 में इस कॉर्न लॉ कानून को वापस लेना पड़ा।


Other questions

17-18 वीं शताब्दी में फ्रांस का दशमांश क्या था?

Related Questions

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Questions