‘अधिकतम व्यक्तियों का अधिकतम हित’ की धारणा किसने प्रतिपादित किया? (1) आदर्शवादियों ने (2) साम्यवादियों ने (3) उपयोगितावादियों ने (4) व्यक्तिवादियों ने

सही उत्तर है…

(3) उपयोगितावादियों ने

══════════════════════

व्याख्या:

‘अधिकतम व्यक्तियों का अधिकतम हित’ की धारणा उपयोगितावाद के मूल सिद्धांतों में से एक है। यह विचार मुख्य रूप से जेरेमी बेंथम और जॉन स्टुअर्ट मिल जैसे उपयोगितावादी दार्शनिकों द्वारा प्रतिपादित किया गया था। उपयोगितावाद एक नैतिक सिद्धांत है जो मानता है कि कोई कार्य या नीति तभी सही है जब वह अधिकतम लोगों के लिए अधिकतम खुशी या कल्याण लाती है।

इस सिद्धांत के अनुसार, किसी भी नैतिक निर्णय या सामाजिक नीति का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाना चाहिए कि वह कितने लोगों को लाभ पहुँचाती है और किस हद तक। यह दृष्टिकोण व्यक्तिगत हितों की तुलना में सामूहिक हित को प्राथमिकता देता है, लेकिन साथ ही यह भी मानता है कि समाज का कल्याण अंततः उसके सदस्यों के कल्याण पर निर्भर करता है।

यह धारणा आधुनिक लोकतांत्रिक समाजों और कल्याणकारी राज्य के विचार में भी प्रतिबिंबित होती है, जहाँ सरकारें अधिकतम लोगों के लिए अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने का प्रयास करती हैं। हालाँकि, इस सिद्धांत की आलोचना भी की गई है, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि यह कभी-कभी अल्पसंख्यक समूहों के अधिकारों की अनदेखी कर सकता है।


Related questions

‘उपयोगितावाद’ का प्रतिपादक कौन है? (1) जेरमी बेन्थम (2) रूसो (3) प्लेटो (4) जीन बोंदा

उदारवाद का जनक कौन है? (1) थॉमस हॉब्स (2) जाँ जाक रूसो (3) जॉन लॉक (4) जीन बोंदा

Related Questions

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Questions