निबंध
व्यक्ति का व्यवहार ही उसे सबका प्रिय अप्रिय या अप्रिय बनाता है।
व्यक्ति का व्यवहार ही उसको सबका प्रिय या अप्रिय बनाता है। किसी भी व्यक्ति का व्यवहार उस व्यक्ति के लिए एक परिचय के समान होता है। व्यक्ति का जैसा व्यवहार होता है, उसका वैसा ही परिचय दूसरों को प्राप्त होता है। अर्थात व्यक्ति अपने व्यवहार के द्वारा ही स्वयं के व्यक्तित्व का परिचय दे देता है।
यदि व्यक्ति का व्यवहार विनम्र होगा, वह सबसे मधुर स्वर में बात कर रहा होगा तो स्पष्ट है कि वह व्यक्ति अच्छे स्वभाव का व्यक्ति है। उसके अंदर दूसरों के प्रति सम्मान की भावना है। उसके अंदर करुणा है, दया है। लेकिन जो व्यक्ति तीखे स्वर में बात करता है, जो व्यक्ति कड़वी बातें बोलकर बातें करता है, जो व्यक्ति सदैव गुस्से में बात करता है, तो उस व्यक्ति के बारे में स्पष्ट हो जाता है कि उस व्यक्ति से उसके नकारात्मक स्वभाव का पता चलता है। उसके बारे में स्पष्ट होता है, कि उसके मन में दूसरों के प्रति सम्मान की भावना नहीं है। ऐसे व्यक्ति से उलझना बेकार है क्योंकि वह आपका कभी भी अपमान कर सकता है।
इसलिए व्यक्ति का व्यवहार ही उसे सबका प्रिय प्रिय बनाता है। जो व्यक्ति विनम्र स्वभाव का होता है, उस व्यक्ति को सब लोग प्रिय होते हैं। जो व्यक्ति सबसे मधुर स्वर में बात करता है, हर व्यक्ति उसे मित्रता करना चाहता है। हर व्यक्ति उससे बात करना चाहता है। लेकिन जो व्यक्ति कड़वी बात करता है, जो व्यक्ति सदैव क्रोध में रहता है। उस व्यक्ति से कोई बात नहीं करना चाहता। सब ऐसे व्यक्ति से दूर भागते हैं। यदि कभी किसी कारणवश ऐसे व्यक्ति से बात करने करनी भी पड़े तो भी लोग जल्दी से जल्दी बात को समाप्त कर देना चाहते हैं, क्योंकि कड़वी बातें बोलने वाले, खराब व्यवहार वाले व्यक्ति को कोई पसंद नहीं करता। वह किसी का प्रिय नहीं होता। इसलिए स्पष्ट व्यक्ति का व्यवहार ही उसे लोगों का प्रिय या अप्रिय बनाता है।
Related questions
मेरा प्रिय खेल – क्रिकेट (निबंध)
क्या इंटरनेट पुस्तकों का विकल्प बन सकता है? (निबंध)