सही उत्तर है…
(2) टैगोर का
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व्याख्या
रवींद्रनाथ टैगोर का यह कथन उनके शिक्षा दर्शन का सार प्रस्तुत करता है। टैगोर ने शिक्षा को केवल सूचना या ज्ञान के हस्तांतरण तक सीमित नहीं माना, बल्कि उसे व्यक्ति के समग्र विकास का माध्यम माना। उनका मानना था कि सर्वश्रेष्ठ शिक्षा वह है जो छात्रों को न केवल जानकारी देती है, बल्कि उन्हें प्रकृति, समाज और स्वयं के साथ सामंजस्य स्थापित करने में मदद करती है।
शांतिनिकेतन में स्थापित अपने विश्व भारती विश्वविद्यालय के माध्यम से, टैगोर ने इस दर्शन को व्यावहारिक रूप दिया। उन्होंने खुले वातावरण में शिक्षा, कला और संस्कृति के एकीकरण, तथा पूर्व और पश्चिम के ज्ञान के समन्वय पर जोर दिया। टैगोर की यह दृष्टि आज भी प्रासंगिक है, जो शिक्षा को केवल परीक्षा-केंद्रित प्रणाली से परे देखती है और व्यक्ति के सर्वांगीण विकास पर बल देती है।