एक बार महात्मा गांधी जी से किसी ने पूछा कि “जीवन की सफलता का श्रेय आप किसे देते हैं – शिक्षा, शक्ति अथवा धन को” उन्होंने उत्तर दिया कि यह सब वस्तुएँ जीवन को सफल बनाने में सहायक अवश्य हैं, परंतु महत्वपूर्ण है –समय की परख । जिसने समय की परख करना सीख लिया उसने जीने की कला सीख ली । जो लोग उचित समय पर उचित कार्य करने की योजना बनाते है, वे ही समय के महत्व को समझते हैं। जो व्यक्ति समय को नष्ट करता है समय उसे नष्ट कर देता है ।
इस संसार में सभी वस्तुओं को घटाया बढ़ाया जा सकता है , पर समय को नहीं । न तो समय रुकता है और ना ही किसी की प्रतीक्षा करता है।
कबीर जी के अनुसार जो लोग दिन खा-पीकर रात सो कर गुज़ार’ ‘देते हैं वे अपने जीवन को बर्बाद कर देते है । समय एक ऐसा देवता है जो यदि प्रसन्न हो जाए तो इंसान को उन्नति के शिखर पर पहुँचा देता है और यदि नाराज़ हो जाए तो उसका पतन कर देता है।
धरती, चाँद, सितारे, यहाँ तक की प्रकृति भी समय का पालन करती है तो मनुष्य को भी समय का अनुसरण करना चाहिए । इस संसार में सबसे अमूल्य है समय। अतः इस मूल्यवान समय का हमें हमेशा सदुपयोग करना चाहिए ।
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