सही उत्तर है…
(2) इंग्लैंड
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व्याख्या
जेरेमी बेंथम (1748-1832) इंग्लैंड के प्रसिद्ध दार्शनिक, कानूनवेत्ता और सामाजिक सुधारक थे। वे लंदन में जन्मे और वहीं रहे। बेंथम उपयोगितावाद के संस्थापक माने जाते हैं, जो एक नैतिक और राजनीतिक दर्शन है। इस सिद्धांत के अनुसार, किसी कार्य या नीति का मूल्यांकन उसके परिणामों के आधार पर किया जाना चाहिए, विशेष रूप से यह देखते हुए कि वह कितने लोगों को कितना खुश करती है।
बेंथम ने ‘अधिकतम लोगों का अधिकतम हित’ का सिद्धांत प्रतिपादित किया, जो आधुनिक लोकतांत्रिक और कल्याणकारी राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बना। उन्होंने कानूनी और सामाजिक सुधारों के लिए भी काम किया, जिसमें जेल सुधार, शिक्षा का विस्तार, और गरीबी उन्मूलन शामिल थे।
बेंथम के विचारों ने न केवल इंग्लैंड बल्कि पूरे यूरोप और अमेरिका में भी गहरा प्रभाव डाला। उनके शिष्य जॉन स्टुअर्ट मिल ने उपयोगितावाद के सिद्धांत को और आगे बढ़ाया। बेंथम की विरासत आज भी नीति निर्माण, कानून, और नैतिक दर्शन में देखी जा सकती है।
यह उल्लेखनीय है कि हालांकि बेंथम इंग्लैंड के थे, उनके विचारों का प्रभाव अंतरराष्ट्रीय था, जो दर्शाता है कि महान विचारकों के योगदान अक्सर राष्ट्रीय सीमाओं से परे होते हैं।
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