सही उत्तर है…
(4) साम्यवाद
○○○○○○○○○○○
विस्तृत वर्णन
अपने अंतिम चरण में मार्क्सवाद साम्यवाद में मिल जाता है। मार्क्सवाद के अनुसार, इसका अंतिम चरण साम्यवाद में परिणत होता है।
कार्ल मार्क्स ने समाज के विकास को एक ऐतिहासिक प्रक्रिया के रूप में देखा, जिसमें विभिन्न चरण होते हैं। उनका मानना था कि पूंजीवाद, जो एक शोषणकारी व्यवस्था है, का अंत समाजवाद की स्थापना में होगा। समाजवाद के इस चरण में उत्पादन के साधनों पर सामूहिक स्वामित्व होगा और राज्य मजदूर वर्ग के हाथों में होगा। लेकिन यह अंतिम चरण नहीं है।
मार्क्सवाद का चरम लक्ष्य साम्यवाद है, जो इसका अंतिम चरण माना जाता है। इस चरण में वर्ग विभाजन पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और राज्य की आवश्यकता नहीं रहेगी। साम्यवाद में “प्रत्येक व्यक्ति से उसकी क्षमता के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को उसकी आवश्यकता के अनुसार” का सिद्धांत लागू होगा। यह अवस्था व्यक्तिवाद, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर जोर देता है, से भिन्न है। यह समाजवाद से भी आगे की अवस्था है, जो साम्यवाद की ओर ले जाने वाला एक मध्यवर्ती चरण है। साथ ही, यह अराजकतावाद से भी अलग है, क्योंकि अराजकतावाद सभी प्रकार के शासन को खारिज करता है, जबकि साम्यवाद एक विशिष्ट सामाजिक व्यवस्था की कल्पना करता है। इस प्रकार, मार्क्सवाद के अनुसार, समाज का विकास अंततः साम्यवाद में परिणत होता है, जो एक वर्गविहीन और राज्यविहीन समाज की आदर्श अवस्था है।
Related question
राजनीतिक दायित्व के सिद्धान्त पर व्याखान का लेखक कौन है। (1) ग्रीन (2) हीगाल (3) प्लेटो (4) अरस्तू