निबंध
सपने
सपने, सपने वे आशा है जो जीवन में कुछ करने के लिए एक प्रेरणा देने का कार्य करते हैं। सपने, वे सपने ही होते हैं, जो मनुष्य के अंदर स्पूर्ति और कर्म करने की शक्ति भरते हैं।
सपने कर्म करने के लिए प्रेरित होने का सबसे सरल उपाय हैं। आप सोच लीजिए यदि आप सपने नहीं देखेंगे तो आपके जीवन में क्या रहेगा, जब आप सपने नहीं देखेंगे तो आप कुछ भी नहीं करना चाहेंगे, क्योंकि आपके जीवन का कोई लक्ष्य नहीं होगा। सपने जीवन को एक लक्ष्य प्रदान करते हैं, हालांकि हर किसी के सपने पूरे नहीं हो पाते। ऐसा इसलिए क्योंकि सपने केवल देखने से ही पूरे नहीं होते हैं। सपने पूरे करने के लिए कर्म करना पड़ता है बहुत से व्यक्ति केवल सपने ही देखते रहते हैं कर्म करने के लिए प्रेरित नहीं होते। अगर कर्म करने के लिए प्रेरित होते भी हैं तो अपने मार्ग में आने वाली कठिनाइयों से घबराकर पीछे हट जाते हैं। कोई भी कार्य आसानी से संभव नहीं होता। किसी भी कार्य को करने के लिए परिश्रम करना पड़ता है। उसी तरह सपनों को पूरा करने के लिए भी परिश्रम करना पड़ता है।
जो लोग परिश्रम एवं संघर्ष करने की सामर्थ रखते हैं, वह अपने सपनों को पूरा कर लेते हैं। जो लोग परिश्रम और संघर्ष करने की सामर्थ नहीं रखते वह केवल सपने ही देखते रह जाते हैं और उनके सपने, सपने ही रह जाते हैं।सपनों को सच्चाई में बदलने के लिए कर्म और परिश्रम की ताकत लगानी पड़ती है, तब जाकर सपने पूरे हो पाते हैं।
सरल अर्थों में संक्षेप में कहा जाए तो सपनों के बिना जिंदगी उदासीन है, सपनों के बिना जिंदगी नीरस है, जिसके जीवन में सपने नहीं, वह कुछ करने के लिए प्रेरित नहीं होगा। यह बात अलग है कि सपने अपनी सामर्थ्य के अनुसार ही देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने का यथासंभव प्रयास करना चाहिए, लेकिन सपना देखना आवश्यक है। हम अपनी योग्यता एवं सामर्थ्य के अनुसार सपने देख कर उसके अनुसार अपने जीवन के लक्ष्य को पाने का प्रयत्न कर सकते हैं। यदि हम सपने देखेंगे ही नहीं तो अपने जीवन का क्या लक्ष्य निर्धारित करेंगे।
यहाँ सपनों से तात्पर्य सोते समय देखने वाली स्मृतियों से नहीं है, जो हम सोते समय देखते हैं। यहां पर सपने देखने का अर्थ अपने जीवन में भविष्य में कुछ करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने से है। इसलिए सपने देखते रहना चाहिये क्योंकि यही हमारी आशा का प्रतीक हैं।
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