लघु निबंध
भारत के रूप अनेक
हमारा भारत देश विविधाताओं से भरा हुआ देश है। इस देश मे अनेक भाषा बोली जाती हैं। हर राज्य की अपनी संस्कृति, वेशवूषा, भाषा, खान-पान है। भले ही भारत में भाषा, क्षेत्र, संस्कृति में विभिन्नता हो या फिर मान्यताओं में विभिन्नता हो , लेकिन राष्ट्रीयता तो एक ही है। जब छत्रपति शिवाजी महाराज का रायगढ़ के किले में राज्याभिषेक किया गया था तो उस समय पवित्र काशी की प्रकांड पंडित ने देश के अलग-अलग कोनों में बहने वाली 7 नदियों गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, कृष्णा, कावेरी और सिंधु के पानी से जलाभिषेक किया था।
भारत के अनेक राज्य में अलग-अलग भाषाएँ ,वेशभूषा, खान पान है फिर भी लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं । भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। विविधता होने के कारण हमारे देश की कोई राष्ट्र भाषा नहीं है, फिर हिंदी भाषा सारे भारत में आसानी समझ ली जाती है जो भारत को जोड़ने का कार्य भी करती है।
भारत खूबसूरती का भंडार हैं यह पर्यटक दूर-दूर से घूमने के लिए आते है। पश्चिम से ले कर पूरब, उत्तर से लेकर दक्षिण हर जगह भारत की नई खूबसूरती देखने को मिलती हैं। भारत में धार्मिक स्थलों की भी कोई कमी नहीं है। यहाँ श्रद्धालु श्रद्धा से भरा रहता हैं ।
भारत के संविधान को श्रेष्ठ संविधान माना जाता है। जहाँ धर्म, जात , रंग, रूप, वेशभूषा को किनारे रख कर इंसान को इंसान की तरह माना जाता है।
मेरे देश भारत में समान रूप से व्यवहार के लिए कुछ नियम बनाए गए है जिसका पालन करना देश के नागरिकों के लिए जरूरी हैं । भारत की मिट्ठी में बहुत महान लोगो ने जन्म लिया जैसे राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, चाणक्य, तुलसीदास, सूरदास, कबीर, महात्मा गाँधी आदि जिन्होंने भारत का सिर गर्व से ऊँचा किया है।
योग और आयुर्वेद का जन्मदाता भी भारत को माना जाता हैं। पतंजलि द्वारा योग को बढ़ावा दिया गया और आज भारत की ही ताकत है।
इस तरह हमारा भारत देश विविधताओं से भरा होने के बावजूद अनेकता मे एकता का संदेश देता है. इसके भले ही अनेक रूप हों, लेकिन अंत में हमारे भारत का एक ही रूप है।