सही उत्तर है…
(3) जे. एस. मिल
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व्याख्या
सनकी व्यक्तियों को भी विचार की स्वतंत्रता देने के पक्ष में जे. एस. मिल (John Stuart Mill) थे। जे. एस. मिल ने अपनी प्रसिद्ध कृति ‘ऑन लिबर्टी’ (On Liberty) में स्वतंत्रता के सिद्धांतों पर गहन विचार व्यक्त किए। उन्होंने यह तर्क दिया कि समाज को व्यक्तियों को उनके विचारों और अभिव्यक्तियों की स्वतंत्रता देनी चाहिए, चाहे वे विचार कितने ही अपरंपरागत या सनकी क्यों न हों।
जे. एस. मिल का मानना था कि किसी भी विचार को दबाने से सत्य और ज्ञान की खोज बाधित होती है। उन्होंने कहा कि विचारों के मुक्त आदान-प्रदान से समाज का बौद्धिक और नैतिक विकास होता है। इस प्रकार, मिल ने स्वतंत्र विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन में जोर दिया, जो आधुनिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
जॉन स्टुअर्ट मिल, 19वीं शताब्दी के प्रसिद्ध ब्रिटिश दार्शनिक और अर्थशास्त्री, ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘ऑन लिबर्टी’ में इस विचार को विस्तार से प्रस्तुत किया।
मिल का मानना था कि विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, चाहे वे विचार कितने ही असामान्य या विवादास्पद क्यों न हों। उन्होंने तर्क दिया कि यहां तक कि सनकी या अतिवादी विचारों को भी दबाया नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इससे समाज में विचारों के स्वतंत्र आदान-प्रदान और बौद्धिक विकास पर रोक लग सकती है। मिल का मानना था कि विचारों की खुली बहस से ही सत्य का पता चल सकता है और समाज प्रगति कर सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी विचार को गलत मानकर दबाने से यह संभावना बनी रहती है कि वह विचार सही हो सकता है, या उसमें सत्य का कुछ अंश हो सकता है। इसलिए, मिल ने सभी प्रकार के विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति का समर्थन किया, जब तक वे दूसरों को प्रत्यक्ष नुकसान न पहुंचाएं। यह विचार आधुनिक लोकतांत्रिक समाजों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के आधार के रूप में महत्वपूर्ण माना जाता है।
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